महिला प्रधान ने जंगल से निकलने वाली सड़क को सुधारने का उठाया जिम्मा, 150 महिलाएं आईं साथ
शासन-प्रशासन ने जब ग्रामीणों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तब मातृशक्ति आगे आई। मामला हल्द्वानी से सटे फतेहपुर क्षेत्र का है। महिला ग्राम प्रधान ने जंगल क्षेत्र से निकलने वाली सड़क को दुरुस्त करने का जिम्मा गांव की 150 महिलाओं के साथ उठाया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शासन-प्रशासन ने जब ग्रामीणों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तब मातृशक्ति आगे आई। मामला हल्द्वानी से सटे फतेहपुर क्षेत्र का है। महिला ग्राम प्रधान ने जंगल क्षेत्र से निकलने वाली सड़क को दुरुस्त करने का जिम्मा गांव की 150 महिलाओं के साथ उठाया है। तीन दिन से महिलाएं रोज सुबह श्रमदान के लिए मौके पर पहुंच जाती हैं। जिसके बाद रेता-बजरी डालने का काम शुरू होता है। सड़क से दूसरी तरफ के तीन गांव सीधा जुड़ते हैं।
गुजरौड़ा ग्राम पंचायत की प्रधान रितु जोशी ने बताया कि फतेहपुर डाक बंगले वाली सड़क 200 मीटर है। फॉरेस्ट के डाक बंगले के साथ यह दूसरी तरफ के तीन गांव नवाड़ सैलानी, मल्ला फतेहपुर व तल्ला फतेहपुर को कनेक्ट करती है। हालांकि, वनभूमि मामला होने के कारण बगैर ट्रांसफर हुए लोनिवि इस सड़क पर डामरीकरण आदि का काम नहीं कर सकता। वहीं, फतेहपुर से बसानी की तरफ जाने पर मुख्य सड़क पर रपटा यानी नाला है।
बारिश के दौरान यहां से निकलना खतरनाक हो जाता है। ऐसे में आसपास के लोग दूसरे रास्तों से दूरी तय करने के बाद सीधा डाक बंगले वाली सड़क पर पहुंचते हैं। मगर वर्तमान में अस्थायी सड़क पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। अब इसे सुधारने का बीड़ा गांव की महिलाओं ने उठाया है। प्रधान रितु के मुताबिक रेता-बजरी आदि बिछने पर छोटे वाहन आसानी से निकल जाएंगे।
इनका रहा सहयोग
विनीता आर्य, गीता रावत, कविता आर्य, ललिता आर्य, मंजू पांडे, बीना भट्ट, अनीता कबड़वाल, लीला देवी, बीना देवी, बबीता भट्ट, रजनी रौतेला, सरस्वती देवी, उमा जोशी, चम्पा आदि शामिल थे।