कोरोना से पति की मौत के बाद महिला को थी आजीविका चलाने की चिंता, इसलिए बच्चों संग खा लिया जहर
काठगोदाम के ब्यूराखाम निवासी एक महिला ने पति की मौत के बाद सदमे में आकर तीन बेटियों संग खुद भी जहरीला पदार्थ गटक लिया।
हल्द्वानी, जेएनएन : काठगोदाम के ब्यूराखाम निवासी एक महिला ने पति की मौत के बाद सदमे में आकर तीन बेटियों संग खुद भी जहरीला पदार्थ गटक लिया। गंभीर हालत में चारों को बेस अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। ललित की मौत की वजह बीमारी थी लेकिन उसके परिवार को मुफलिसी ने सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया। छह साल पहले वह बड़े भाई संग रेलवे में ठेकेदारी करता था। रामनगर से लेकर हल्द्वानी, काठगोदाम में वाशिंग का टेंडर था। मगर अब गाड़ी से घर-घर सब्जी बेचने को मजबूर हो गया। पति की मौत के बाद से पत्नी बार-बार यही कह रही थी कि अब उसके बच्चों को कौन पालेगा।
मृतक ललित के बड़े भाई राजेंद्र कन्नौजिया ने बताया कि 2014 में उनका रेलवे से काम छूटा था। सभी भाई इस काम से जुड़े थे। बड़ा काम छूटने की वजह से पूरा परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। जिसके बाद ललित ने पुरानी कार खरीदी और रेलवे कॉलोनी में घर-घर सब्जी बेचने लगा। लॉकडाउन के दौरान भी वह काम पर जुटा रहता था। रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक वह बेहद मिलनसार स्वभाव का था। वहीं, राजेंद्र ने आरोप लगाया कि मंगलवार को चार घंटे से ज्यादा समय तक उन्हें भाई का शव लेने के लिए मोर्चरी में इंतजार करना पड़ा था।
परिवार की मदद का प्रयास करेंगे
काठगोदाम रेलवे स्टेशन के अधीक्षक चयन राय ने बताया कि ललित और उसके परिवार के साथ हुई घटना से सभी लोग दुखी हैं। राय ने कहा कि रेलवे स्टाफ संग बैठक लेकर प्रयास करूंगा कि परिवार को आर्थिक मदद मिल जाए। स्वेच्छा से सबसे सहयोग लिया जाएगा।
परिवार एसटीएच नहीं जाएगा
मृतक के भाई राजेंद्र ने बताया कि बेस में भर्ती बहू और उसके बच्चों को एसटीएच रेफर करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस तक मंगा ली थी। मगर उन्होंने एसटीएच भेजने से मना कर दिया। राजेंद्र ने बताया कि एसटीएच में भर्ती होने के दौरान उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जिस वजह से बच्चों का वहां इलाज के लिए नहीं भेजा।
आजाद हिंद फौज का हिस्सा थी मां
राजेंद्र कन्नौजिया ने कहा कि उनकी मां जग्गो देवी सुभाष चंद्र बोस द्वारा बनाई गई आजाद हिंद फौज का हिस्सा भी रहीं। उस दौरान मां को तीन महीने तक मणिपुर में रहना पड़ा था।