International Yog Day 2021 : योग के संकल्प से शशि ने दूर किया मधुमेह, कोलस्ट्रॉल के साथ ही डिप्रेशन में को भी भगाया
International Yog Day 2021 शांति नगर निवासी शशि राजदेव करीब डेढ़ साल पहले ऊषा योगशाला पहुंची। तब तक वह योग के बारे में जानती तो थी लेकिन आसन करने के सही नियम उन्हें नहीं पता थे। ऊषा बताती हैं शुगर लेवल भोजन के बाद 250 से अधिक पहुंचने लगा।
गणेश जोशी, हल्द्वानी : किसी भी काम में मन नहीं लगता था। सर्वाइकल स्पांडलाइटिस, कोलस्ट्रॉल के साथ मधुमेह लगातार बढऩे लगा था। एलोपैथिक दवाइयां लेने लगी, लेकिन खास असर नहीं दिखा। यह समस्या थी 60 वर्षीय शशि राजदेव की। वैसे तो इस उम्र में यह समस्याएं अब आम हैं, लेकिन शशि का संकल्प और जुनून ऐसा था कि उन्होंने योग के जरिये इन गंभीर बीमारियों को मात दे दी। अब शशि ने योग को अपने दिनचर्या का हिस्सा बना लिया।
शांति नगर निवासी शशि राजदेव करीब डेढ़ साल पहले ऊषा योगशाला पहुंची। तब तक वह योग के बारे में जानती तो थी, लेकिन आसन करने के सही नियम उन्हें नहीं पता थे। ऊषा बताती हैं, शुगर लेवल भोजन के बाद 250 से अधिक पहुंचने लगा। दवा लेती थी, लेकिन शुगर लेवल नियंत्रित ही नहीं होता था। साथ में कोलस्ट्राल लेवल बढऩे लगा। तनाव में रहने लगी। यही नहीं, सर्वाइकल स्पांडलाइटिस ने भी जकड़ लिया था। डेढ़ साल तक नियमित योग सेंटर गई।
योग शिक्षिका ऊषा परगाईं ने योग की बारीकियां सिखाईं। शशि बताती हैं, अब उनकी अन्य बीमारियों के साथ ही असाध्य बीमारी डायबिटीज भी नियंत्रित हो गई है। पिछले कुछ समय से लॉकडाउन के चलते सेंटर नहीं जा सकी, लेकिन घर पर योग का अभ्यास करना बंद नहीं किया। ट्रेनर के बताए हर आसान को उसी तरीके से दोहराती हूं, जैसे सेंटर में करती थी। वह बताती हैं, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी योग का सहारा मिला।
मुझे लगता था आंटीजी इस उम्र में कैसे सीख पाएंगी योग
योग शिक्षिका ऊषा बताती हैं, जब आंटी मेरे पास योग सीखने आई। मुझे लगता था कि इन्हें इतनी बीमारियां है। इस उम्र में कैसे योग सीख पाएंगी? धीरे-धीरे अभ्यास कराया। कुछ ही समय बाद वह अन्य लोगों के साथ ही योग के तमाम आसान को आसानी से करने लगी। मुझे बहुत खुशी हुई। इस समय आज आंटीजी घर पर हैं। फोन पर ही सलाह लेती हैं। डायबिटीज समेत उनकी बीमारियां ठीक हो गई हैं।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें