रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए राज्य स्थापना दिवस से पहले करेंगे प्रदर्शन

राज्य आंदोलन के दौरान रामपुर तिराहा कांड के लिए आंदोलनकारी संगठनों ने राज्य स्थापना दिवस से पहले देहरादून में विशाल प्रदर्शन करने का निर्णया लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:51 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:51 AM (IST)
रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए राज्य स्थापना दिवस से पहले करेंगे प्रदर्शन
रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए राज्य स्थापना दिवस से पहले करेंगे प्रदर्शन

नैनीताल, जेएनएन : राज्य आंदोलन के दौरान रामपुर तिराहा कांड के दोषियों को 25 साल बाद भी सजा नहीं मिलने से आहत आंदोलनकारी संगठनों ने राज्य स्थापना दिवस से पहले देहरादून में विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। यही नहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर जल्द सुनवाई हो, इसके लिए हलफनामा दायर करने का भी निर्णय लिया है। राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रवासी उत्तराखंडियों से इस लड़ाई में सहयोग की अपील की गई है। उत्तराखंड अधिवक्ता संघ ने एनसीआर के प्रवासी उत्तराखंडी संगठनों में समन्वय का जिम्मा वन यूके संगठन को दिया गया है।

शुक्रवार को अधिवक्ता संघ अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुके अधिवक्ता रमन साह, अधिवक्ता रवींद्र बिष्टï से मुलाकात करने के लिए वन यूके टीम के दिनेश बिष्ट, महेंद्र सिंह रावत, दिनेश नौटियाल, प्रीतम जेठा, राजेंद्र शर्मा दिल्ली से नैनीताल पहुंचे और बैठक की। अधिवक्ता साह ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण दिलाने तथा शहीद आंदोलनकारियों को न्याय देने की लड़ाई तेज की जाएगी। कहा कि रामपुर तिराहा कांड से संबंधित एक दर्जन मुकदमों में से दो मुकदमे सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। 25 साल बाद भी न्याय नहीं मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि न्याय की मांग को लेकर नौ नवंबर से पहले देहरादून में गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में पौड़ी के पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, कोटद्वार के महेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन नेगी से बातचीत हो चुकी है। उन्होंने प्रदर्शन में सहमति दे दी है। दिल्ली से भी प्रवासी उत्तराखंडी दून पहुंचेंगे। वन यूके टीम ने भरोसा दिलाया कि न्याय की लड़ाई में आर्थिक सहयोग की जरूरत होगी तो उसे भी पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल ने भी शहीद आंदोलनकारियों को न्याय दिलाने व क्षैतिज आरक्षण की जंग में समर्थन देने की घोषणा की है।

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