नई व्‍यवस्‍था के तहत अब गेहूं खरीद में नहीं होगी गड़बड़ी, पिछले साल खरीद में हुआ था बड़ा गोलमाल

अब क्रय केंद्रों में गेहूं खरीद को लेकर गड़बड़ी नहीं होगी। इसके लिए क्रय केंद्रों में किसानों की जमीन की खतौनी के साथ खसरा नंबर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। इससे पता जाएगा कि किसान ने अपनी कितनी जमीन पर गेहूं की फसल लगा रखी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 08:08 AM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 08:08 AM (IST)
नई व्‍यवस्‍था के तहत अब गेहूं खरीद में नहीं होगी गड़बड़ी, पिछले साल खरीद में हुआ था बड़ा गोलमाल
नई व्‍यवस्‍था के तहत अब गेहूं खरीद में नहीं होगी गड़बड़ी, पिछले साल खरीद में हुआ था बड़ा गोलमाल

रुद्रपुर, अरविंद कुमार सिंह : अब क्रय केंद्रों में गेहूं खरीद को लेकर गड़बड़ी नहीं होगी। इसके लिए क्रय केंद्रों में किसानों की जमीन की खतौनी के साथ खसरा नंबर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। इससे पता जाएगा कि किसान ने अपनी कितनी जमीन पर गेहूं की फसल लगा रखी है। ऐसे में दूसरे की खतौनी दर्शा कर गेहूं नहीं बेचा जा सकेगा।

राज्य में गेहूं व धान की खरीद केंद्रों में किसान की खतौनी के आधार पर होती थी। इससे पता चलता था कि किसान के पास कितनी जमीन है। उसी आधार पर प्रति हेक्टेयर गेहूं व धान का औसत उत्पादकता निकाल लिया जाता था। क्रय केंद्र के दायरे में आने वाले गांवों के किसानों की खतौनी केंद्र प्रभारियों को उपलब्ध करा दी जाती थी। खतौनी राजस्व विभाग से गांववार दी जाती थी। उसी आधार पर क्रय होती थी। इससे फसल का सही क्षेत्रफल का पता नहीं चल पाता था।

पिछले साल यूएस नगर में किच्छा सहित कई क्षेत्रों के केंद्रों में दूसरे की खतौनी पर धान खरीद के मामले सामने आए। जिस खतौनी के आधार पर क्रय किया गया, उस खतौनी में गन्ना या अन्य फसल लगी थी, न कि गेहूं। इस मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। बताया गया कि सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जिलों के कुछ किसानों ने सेटिंग कर यहां के किसानों की खतौनी पर धान बेच दिया। दरअसल, उत्तर प्रदेश से अधिक मूल्य यहां मिलता था।

इस मामले में खाद्य नियंत्रक कुमाऊं व जिला प्रशासन स्तर से जांच बैठ गई। किसानों ने हंगामा भी किया था।  ऐसे में इस बार जिले के सभी 159 क्रय केंद्रों पर खसरा-खतौनी के आधार पर गेहूं की खरीद होगी। तहसील स्तर पर राजस्व विभाग से गांववार प्राप्त किसानों की खतौनी व खसरा की सूची उपलब्ध कराई गई है। केंद्र प्रभारी खतौनी के साथ खसरा की पड़ताल में जुटे हैं।

क्या है खतौनी व खसरा

किसान की जमीन खतौनी में दर्ज होती है। इससे रकबा मालूम हो जाता है। किसान ने जमीन के किस क्षेत्रफल में कौन-सी फसल लगा रखी है, इसकी जानकारी खसरा में मिलती है। नियंत्रक खाद्य कुमाऊं ललित मोहन रयाल ने बताया कि राजस्व विभाग से तहसील स्तर पर गांववार किसानों की जमीन की खतौनी व खसरा की सूची प्राप्त की गई है। उसी आधार पर गेहूं खरीद होगी। खसरा से पता चलेगा कि किसान ने अपनी जमीन में कितना गेहूं उगाया है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी