हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, किन्नरों के पुनर्वास के लिए क्या नीति बनाई गई

हाई कोर्ट ने देहरादून की किन्नर रजनी रावत के सुरक्षा प्रार्थना पत्र पर तीन अक्टूबर तक मांगा जवाब।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 07:18 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 07:18 PM (IST)
हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, किन्नरों के पुनर्वास के लिए क्या नीति बनाई गई
हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, किन्नरों के पुनर्वास के लिए क्या नीति बनाई गई

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने देहरादून की किन्नर रजनी रावत के सुरक्षा प्रार्थना पत्र पर सरकार से तीन अक्टूबर तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि किन्नरों के पुनर्वास के लिए क्या नीति बनाई गई है।

दून निवासी रजनी रावत ने याचिका दायर कर कहा है कि उसे देहरादून की किन्नर गद्दी विरासत में 1996 में मिली है। वह देहरादून में बधाई देने आदि की वसूली करती रही हैं, परंतु पिछले कुछ समय से बाहरी जिलों हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किन्नर देहरादून आकर उसके नाम से वसूली कर रहे हैं। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर बाहरी किन्नरों को हटाने की मांग की, मगर कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में यह भी कहा गया है कि बाहरी किन्नरों द्वारा अब भी वसूली की जा रही है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से तीन अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। पॉलीथिन पर पाबंदी के लिए डीएम ने दाखिल किया हलफनामा नैनीताल : राज्य में पॉलीथिन पर पाबंदी के हाई कोर्ट के सख्त आदेशों के अनुपालन को लेकर प्रशासनिक मशीनरी गंभीर है। जिलाधिकारियों ने इस संबंध में कोर्ट की ओर से पारित आदेशों के अनुपालन को लेकर हलफनामा दाखिल कर दिया है, जिस पर हाई कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने पिछले दिनों राज्य में पॉलीथिन पर पाबंदी लगाने के आदेश दिए थे। तब कोर्ट ने कहा था कि पॉलीथिन को आवारा जानवर खाते हैं और उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे पर्यावरण व पारिस्थितिक तंत्र को भारी नुकसान हो रहा है। खंडपीठ ने इसके लिए जिलाधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इस पर मंगलवार को जिलाधिकारियों की ओर से पीठ के समक्ष हलफनामा दाखिल किया गया। हलफनामे में कहा गया है कि इस संबंध में अदालत के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। पॉलीथिन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए इसका इस्तेमाल करने वालों के चालान किए जा रहे हैं, उन्हें इसके नुकसान भी बताए जा रहे हैं। पॉलीथिन की रोकथाम के लिए नोडल अफसरों की तैनाती की गई है। अब कोर्ट मामले में 26 सितंबर को सुनवाई करेगा।

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