Dev Uthani Ekadashi 2020 : चार माह शयन के बाद जागे भगवान विष्णु, लग्न की मारामारी के बीच मांगलिक कार्य शुरू

चार माह के लंबे अंतराल के बाद विवाह की शहनाई एक बार फिर गूंजने को तैयार है। बुधवार को देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई। शास्त्रों के मुताबिक हरिशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन करते हैं और हरिबोधनी एकादशी को जागते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 06:57 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 06:57 AM (IST)
Dev Uthani Ekadashi 2020 : चार माह शयन के बाद जागे भगवान विष्णु, लग्न की मारामारी के बीच मांगलिक कार्य शुरू
Prabodhini Ekadashi 2020 : चार माह शयन के बाद जागे भगवान विष्णु

हल्द्वानी, जेएनएन : चार माह के लंबे अंतराल के बाद विवाह की शहनाई एक बार फिर गूंजने को तैयार है। बुधवार को देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई। शास्त्रों के मुताबिक हरिशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन करते हैं और हरिबोधनी एकादशी को जागते हैं। दोनों के मध्य चातुर्मास में विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।

विवाह मुहूर्त को लेकर मारामारी

देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई है, लेकिन इस बार विवाह मुहूर्त को लेकर मारामारी है। दिसंबर तक केवल दस मुहूर्त हैं। नवंबर में तीन व दिसंबर में केवल सात दिन ही मुहूर्त हैं। इस दौरान शहर व आसपास के क्षेत्रों में करीब तीन हजार जोड़ों के दाम्पत्य सूत्र में बंधने का अनुमान है। मार्च से जुलाई तक कोरोना से बचाव के लिए लाकडाउन लगने व शासन की गाइडलाइन की बंदिशों के चलते गिने-चुने विवाह हुए थे।

इसलिए लंबा होगा इंतजार

नवंबर व दिसंबर में शादी से चूकने का मतलब है चार माह का इंतजार। ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी ने बताया कि 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास रहेगा। 16 जनवरी से 15 फरवरी तक देव गुरु बृहस्पति और 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं होगा। इसके बाद नए वर्ष में 22 अप्रैल से सहालग शुरू होंगे।

इन दिनों में खूब बजेगा बैंड

नवंबरः 25, 26 व 30, दिसंबरः 1, 6, 7, 8, 9, 10 व 11 को शादियों की धूम रहेगी।

मैरिज गार्डन की बुकिंग में तेजी

लग्नों की मारामारी के बीच बैंक्वेट हाल की बुकिंग पूरी हो चुकी हैं। शहर में सौ से अधिक बैंक्वेट हाल हैं। कारोबारियों के मुताबिक सभी मुख्य लग्नों के लिए मैरिज गार्डन बुक हो चुके हैं। कोरोना काल के आठ माह के अंतराल के बाद कारोबारियों के चेहरे पर रौनक दिखाई पड़ रही है।

मंदिरों में शादी को प्राथमिकता

धार्मिक व सामाजिक समारोह को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन है कि आयोजन में 200 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते। पंडित मुकेश तिवारी ने बताया कि कई परिवार मंदिरों में शादी करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। हल्द्वानी के हीरानगर स्थिति गोलज्यू मंदिर, घोड़ाखाल गोलज्यू मंदिर, रामनगर गर्जिया माता मंदिर में शादी के लिए कई लोगों ने पूर्व पंजीकरण कराया है।

गुरुवार को होगा तुलसी विवाह

ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक हरिशयनी एकादशी को तुलसी रोपण कर उसकी पूजा की जाती है। हरिबोधनी को व्रत करने के बाद दूसरे दिन तुलसी विवाह कर व्रत का पारायण किया जाता है। तुलसी को साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

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