बागेश्वर के मजियाखेत में नौ दिन से नहीं मिला पानी, उपभोक्ताओं ने तहसील परिसर पर दिया धरना
भारी बारिश से भूस्खलन और सड़कों के जाम होने के साथ ही भारी जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब आपदा के बाद पहाड़ के लोगाें को अब बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : शहर के ज्वालादेवी वार्ड के मजियाखेत में नौ दिन से पानी की बूंद नहीं गिरी। गुस्साए उपभोक्ताओं ने मंगलवार को तहसील परिसर पर धरना दिया। जमकर नारेबाजी की और पालिका से योजना को जलसंस्थान को हस्तांतिरत करने की मांग की। आपूर्ति बहाल नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। कोरोना के बाद आई आपदा ने पहाड़ पर जीना मुहाल कर दिया है। भारी बारिश से भूस्खलन और सड़कों के जाम होने के साथ ही भारी जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब आपदा के बाद पहाड़ के लोगाें को अब बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है।
आपदा के कारण अमसरकोट पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई। जिसका संचालन नगर पालिका करती है। पिछले नौ दिनों से पानी को क्षेत्र में भारी बनी हुई है। मंगलवार को गुस्साए उपभोक्ताओं ने तहसील परिसर पर हल्ला बोला। कहा कि स्वैप योजना के तहत गांव के लिए बनी पेयजल योजना पालिका के अधीन है। पलिका उसकी मरम्मत और देखरेख करने में असमर्थ हो गई है। जिसके कारण पेयजल संकट पैदा हो गया है। वह प्राकृतिक स्रोतों से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं।
ऐसे में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण लगभग तीन हजार उपभोक्ता परेशान हैं। उन्होंने दीपावली पर्व से पहले पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान सुनीता टम्टा, जगदीश उपाध्याय, जगदीश कार्की, कला गगढ़िया, नीमा जोशी, पुष्पा, पुष्पा नगरकोटी, उमा जोशी, जीवन कार्की, सुंदर बिष्ट, अमर सिंह, गोकुल पांडेय, गोविंद वर्मा, विजय कुमार आदि मौजूद थे।