धरातलीय सर्वेक्षण के बाद तैयार हो पेयजल की योजना

शहर के लोगों के लिए तैयार होने वाली पेयजल व सीवेज की योजना को लेकर शनिवार को बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Feb 2019 07:02 AM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 07:02 AM (IST)
धरातलीय सर्वेक्षण के बाद तैयार हो पेयजल की योजना
धरातलीय सर्वेक्षण के बाद तैयार हो पेयजल की योजना

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: शहर के लोगों के लिए तैयार होने वाली पेयजल व सीवेज की योजना में लोगों के सुझावों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। योजना की रूपरेखा एयर कंडीशनर ऑफिसों में तैयार करने के बजाय धरातल पर तैयार हो। उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) की ओर से आयोजित सामुदायिक सहभागिता बैठक में यह सुझाव मुख्य रूप से उभरकर आए।

एशियन विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित योजनाओं की प्लानिंग के लिए शनिवार को नगर निगम सभागार में मेयर डॉ. जोगेंद्र रावत की अध्यक्षता में बैठक हुई। पेयजल सलाहकार मयंक अग्रवाल ने कहा कि एडीबी के सहयोग से पेयजल योजनाओं का पुनर्गठन होना है। सभी वार्डो में सीवेज लाइन पहुंचे, इसके लिए भी काम किया जाना है। योजना जन उपयोगी हो इसके लिए सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) 30 साल बाद की आबादी को ध्यान में रखकर बनेगा। मेयर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों से बेहतर योजना तैयार हो सकेगी। बैठक में पार्षद धीरेंद्र रावत, सुमित कुमार, मनोज जोशी, फईम जेबा सलमानी, पूर्व सभासद शकील अहमद सलमानी, वकील अहमद आदि ने सुझाव रखे। बैठक में एई दुर्गेश पंत, एसएनए विजेंद्र चौहान, अर्बन एक्सपर्ट चंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। रीडिंग के अनुसार देना होगा बिल

विशेषज्ञ मयंक अग्रवाल ने कहा कि आगामी दो वर्ष में हल्द्वानी नगर निगम के सभी 60 वार्डो को सीवेज व पेयजल लाइनों से जोड़े जाने की योजना है। पानी के समान वितरण के लिए नया सिस्टम विकसित किया गया है। घरों में मीटर लगाए जाएंगे, रीडिंग के आधार पर बिल भुगतान करना होगा। प्रतिनिधियों ने ये सुझाव दिए

- सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट की क्षमता बढ़ती आबादी के अनुरूप बनाएं।

- नव सम्मिलित 27 वार्डो के लिए नया पेयजल फिल्टर प्लांट बने।

- ड्रेनेज सिस्टम बेहतर बनाने की भी योजना बनाई जाए।

- धरातलीय सर्वेक्षण के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाए।

- योजनाओं की जानकारी स्थानीय पार्षदों को दी जाए।

- पेयजल के नए स्रोत भी चिंहित करने होंगे।

- निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

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