गर्मी की शुरुआत में ही गिरने लगा कोसी नदी का जलस्तर, रमानगर में होगा पानी का संकट

अभी गर्मी की शुरुआत ही है और उत्तराखंड में पानी का संकट साफ नजर आने लगा है। नैनीताल जिले में जहां पर्वतीय गांव के लोगों को पानी का इंतजाम करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 09:55 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 09:55 AM (IST)
गर्मी की शुरुआत में ही गिरने लगा कोसी नदी का जलस्तर, रमानगर में होगा पानी का संकट
गर्मी की शुरुआत में ही गिरने लगा कोसी नदी का जलस्तर, रमानगर में होगा पानी का संकट

रामनगर, जागरण संवाददाता : अभी गर्मी की शुरुआत ही है और उत्तराखंड में पानी का संकट साफ नजर आने लगा है। नैनीताल जिले में जहां पर्वतीय गांव के लोगों को पानी का इंतजाम करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, वहीं जलश्रोतों के सूखने के साथ ही नदियों का भी जल स्तर गिरने लगा है। रामनगर में जीवनदायनी कोसी का जलस्तर काफी गिर गया है। नदी के ही पानी रामनगर की पूरी आबादी निर्भर है। सिंचाई के लिए नहरों में पानी भी इसी नदी से छोड़ा जाता है। फिलहाल तो हालात सामान्य हैं, लेकिन आगे जलस्तर घटने पर संकट और गहरा सकता है।

रामनगर की आबादी कोसी नदी के पानी पर ही निर्भर है। कोसी बैराज से निकलने वाली सिंचाई नहरें चिलकिया, पिरूमदारा, बसई, टांडा, जस्सा गाजा, पापड़ी, शिवलालपुर, कानिया, चोरपानी, सेमलखलिया, गोजनि, चोरपानी ,करनपुर, बैडाझाल समेत सभी गाँवों में भूमि को सिंचित करती हैं। गेंहू कटाई के बाद अब धान की बुआई के लिए पानी की जरूरत होगी। अभी से जब स्तर कम होने सिंचाई के लिए भी दिक्कतें सामने आने लगेगी। ऐसे में मई-जून समस्या और गंभीर हो सकती है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केसी उनियाल कहते हैं वर्तमान में गेहूं कटाई होने की वजह से सिंचाई के लिए पानी की जरूरत किसानों को नहीं है। नदी का जल स्तर कम होने के कारण अगले माह से सिंचाई नहरों में पानी देने की रणनीति पर हम लोग काम करते हैं ताकि जरूरत के आधार पर सभी किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।

अब पहाड़ में बैराज भी कम पानी का कारण

पहले कोसी नदी में पानी नहीं रुकता था। समय बदला पहाड़ की आबादी बढ़ी तो अल्मोड़ा, बेतालघाट की आबादी को पानी देने के मकसद से बैराज बनाये गए। जिस वजह से भाबर क्षेत्र में गर्मियों में पानी की कमी हो जाना स्वाभाविक है।

500 घन मीटर की जगह 300 घन मीटर का उपयोग

कुमाऊं जल संस्थान के ऐनालिस्ट राजेन्द्र चन्द्र बताते हैं कि अन्य मौसम में जब लोग 500 घनमीटर पानी रामनगर के उपयोग के लिए प्रतिदिन ले लेते हैं आजकल 300 घनमीटर पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है। कहते हैं अभी कोई दिक्कत नहीं है मगर मई जून में पानी की कमी हो सकती है।

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