24 घंटे बाद भी पांच हजार घरों को पानी देने में नाकाम जलसंस्थान

पानी की मुख्य लाइन के 24 घंटे बाद भी दुरुस्त नहीं होने की वजह से पांच हजार घरों को पानी नहीं मिल सका। जलसंस्थान की टीम मरम्मत में जुटी थी। लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। लोगों को निजी टैंकर पर पैसा खर्च कर प्यास बुझानी पड़ी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 29 Jun 2021 09:24 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 09:24 PM (IST)
24 घंटे बाद भी पांच हजार घरों को पानी देने में नाकाम जलसंस्थान
24 घंटे बाद भी पांच हजार घरों को पानी देने में नाकाम जलसंस्थान

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: पानी की मुख्य लाइन के 24 घंटे बाद भी दुरुस्त नहीं होने की वजह से पांच हजार घरों को पानी नहीं मिल सका। जलसंस्थान की टीम मरम्मत में जुटी थी। लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। वहीं, पर्याप्त संख्या में टैंकर नहीं भेजने के कारण लोगों को निजी टैंकर पर पैसा खर्च कर प्यास बुझानी पड़ी। जलसंस्थान का दावा है कि आज काम पूरा कर सप्लाइ दी जाएगी।

सोमवार सुबह हुई बारिश की वजह से रकसिया नाले में मलबा आ गया। जिस वजह से बिठौरिया क्षेत्र में आठ इंची मुख्य लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। जिस वजह से कठघरिया, बिठौरिया नंबर एक, लोहरियासाल मल्ला और कुसुमखेड़ा क्षेत्र की आपूर्ति ठप हो गई। जेई एलएम पांडे ने बताया कि प्लास्टिक लाइन होने के कारण दूसरे दिन काम पूरा नहीं हो पाया। वहीं, शनिबाजार का नलकूप अभी तक ठीक नहीं होने के कारण वहां के लोगों का संकट भी अभी दूर नहीं हुआ। पानी के लिए लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

एक माह से अस्सी परिवार संकट में: तल्ली हल्द्वानी के डी-क्लास, दुर्गा विहार, प्रगति विहार व नागेश्वर कॉलोनी में पिछले एक माह से पानी की किल्लत चल रही है। पार्षद मनोज जोशी ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण लाइन में पानी नहीं आ रहा। वहीं, संकट से गुजर रहे लोग टैंकर को देखते ही बर्तन लेकर दौड़ लगाने को मजबूर है।

सिर्फ दस मिनट मिल रहा पानी: शीशमहल के गायत्री नगर कैनाल रोड में पिछले 15 दिनों से लोगों को रोज सिर्फ दस मिनट के लिए पानी मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमृत योजना के कनेक्शनों में कनैक्शनो में पहले शाम को करीब एक घंटे सप्लाइ होती थी। लेकिन अब दस मिनट। संबंधित अधिकारी ने पहले समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। मगर अब फोन नहीं उठाते। जरूरत पूरी करने को मजबूरी में लोग निजी टैंकर मंगा रहे हैं।

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