बचीनगर में जल संस्थान टैंकर से नहीं बांट रहा पानी, ग्रामीणाें में अफसरों के खिलाफ गुस्सा
बचीनगर का नलकूप फुंके हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है। शुरुवात के दो-तीन बाद जल संस्थान ने लोंगो की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए टैंकर भेजना बंद कर दिया।
हल्द्वानी, जेएनएन: बचीनगर का नलकूप फुंके हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है। शुरुवात के दो-तीन बाद जल संस्थान ने लोंगो की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए टैंकर भेजना बंद कर दिया। चार दिन से टैंकर नहीं आने से ग्रामीणों में जल संस्थान अफसरों के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीण लगातार ग्राम प्रधान के पास शिकायत लेकर पहुँच रहे हैं। ग्राम प्रधान ने अफसरों से वार्ता कर दो टैंकर रोजाना पेयजल आपूर्ति के लिए लगाने की मांग की है।
बचीनगर नलकूप पर गांव के 360 परिवार निर्भर हैं। एक महीने में नलकूप की मोटर दूसरी बार फुंक गई है। मोटर फुंके एक सप्ताह का समय बीत चुका है। ग्राम प्रधान प्रेमा रावत ने बताया कि नलकूप फुंकने के बाद दो-तीन दिन जल संस्थान ने टैंकर से पानी बंटवाया। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए एक टैंकर उनकी ओर से भी लगाया गया है। ग्राम प्रधान का आरोप है कि चार दिन से एक भी टैंकर जल संस्थान ने नहीं भेजा है। उनके एक टैंकर से पूरे गांव में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करना संभव नहीं है। स्वतंत्रता दिवस पर जब पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा है। बची नगर के ग्रामीण पानी के लिए भटकने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि जल संस्थान के अफसरों से दो टैंकर रोजाना गांव के लिए लगाने की मांग की है। अगर इसके बाद भी पानी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
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