बागेश्‍वर में दो दो नदियों के बावजूद पानी का संकट, 30 साल पुरानी योजना से जल संस्‍थान कर रहा सप्लाई

बागेश्‍वर में दो-दो नदियां होने के बाद भी पानी के लिए प्यासी है। 30 साल पुरानी जर्जर नगरीय पेयजल योजना से जल संस्थान पानी पिला रहा है। आलम यह है कि नगर के कई हिस्सों में कई दिन तक पानी की आपूर्ति नहीं होती है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 12:38 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 12:38 PM (IST)
बागेश्‍वर में दो दो नदियों के बावजूद पानी का संकट, 30 साल पुरानी योजना से जल संस्‍थान कर रहा सप्लाई
बागेश्‍वर में दो दो नदियों के बावजूद पानी का संकट, 30 साल पुरानी योजना से जल संस्‍थान कर रहा सप्लाई

बागेश्वर, जागरण संवाददाता : कुमाऊं की काशी कही जाने वाली बागनाथ की नगरी दो-दो नदियां होने के बाद भी पानी के लिए प्यासी है। 30 साल पुरानी जर्जर नगरीय पेयजल योजना से जल संस्थान पानी पिला रहा है। आलम यह है कि नगर के कई हिस्सों में कई दिन तक पानी की आपूर्ति नहीं होती है। जल संस्थान श्रमिक संघ की हड़ताल के बाद पानी की दिक्कत और अधिक बढ़ गई है। जिसके कारण लोगों को प्राकृतिक स्रोतों का रुख करना पड़ रहा है।

50 हजार आबादी वाले नगर को रोज 7.28 एमएलडी पानी की जरूरत है। 3.60 एमएलडी पानी ही मिल रहा है। वर्ष 1980-81 में गठित नगरीय पेयजल योजना आज जर्जर हो चुकी है। जिला 1997 में बना था, जिसके बाद केवल नगरीय आइवेल पेयजल योजना वर्ष 2016 में बनी है, जबकि कठायतबाड़ा पंपिंग योजना का पुर्नगठन 2004 में किया गया था। बिलौना योजना वर्ष 1979, थापली योजना वर्ष 1985, मंडलसेरा वर्ष 1987 और अमसरकोट नगरीय योजना वर्ष 1992 में बनी थी। इन योजनाओं को 25 वर्ष की जरूरत को देखते हुए बनाया गया था।

जलसंस्थान के पास जिले में 150 पेयजल योजनाएं हैं। जिसमें आठ पंपिंग योजनाएं भी शामिल हैं। जिसमें एक कौसानी, एक कपकोट, एक खरेही और पांच नगर क्षेत्र के लिए बनी हैं। इसके अलावा गांवों के लिए मुख्य स्रोत से योजनाएं हैं। जलसंस्थान श्रमिक संघ के हड़ताल में चले जाने के बाद पूरे जिले में पेयजल किल्लत बनी हुई है।

यहां पानी की बूंद को तरसे लोग

कठायतबाड़ा, दांगण, ठाकुरद्वारा, बहुली, द्यांगण, खोली, अड़ौली, घटबगड़, आदर्श कालोनी, ज्वालादेवी वार्ड, मंडलसेरा के अलावा गरुड़, कांडा, काफलीगैर, मन्यूड़ा समेत तमाम गांवों में पानी की किल्लत हो गई है। लोग पीने के पानी के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों का रुख कर रहे हैं।

यह लोग सबसे अधिक परेशान

शहर में 50 हजार, गरुड़ में 8 हजार, कपकोट में 10 हजार और कौसानी में पांच हजार जनसंख्या सबसे अधिक परेशान है। जिनकी परेशानी को कम करने के लिए पंपिंग योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता सीएस देवड़ी ने बताया कि श्रमिकों की हड़ताल के कारण आइटीआइ से आठ, रेगुलर कर्मचारी आठ और अन्य दो की तैनाती नगर क्षेत्र में पानी वितरण को की गई है। पंपिंग योजनाएं सुचारू हैं। लेकिन वितरण प्रणाली में अभी समझा जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में फिलहाल अभी पानी की किल्लत नहीं है।

chat bot
आपका साथी