सिर्फ तीन यात्रियों को लेकर दिल्‍ली रवाना हुई वोल्‍वो, कर्मचारियों ने कहा, रोडवेज को पूरा डुबो कर मानेंगे

उत्तराखंड परिवहन निगम ने साढ़े तीन महीने बाद अनुबंधित बसों का संचालन शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत वाल्वो बस से हुई। धीरे-धीरे एसी व सामान्य बसों को भी सड़क पर उतारने की योजना है। हालांकि हल्द्वानी से दिल्ली रूट को निकली पहली वाल्वो के सिर्फ तीन यात्री मिले ।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 01:04 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 01:04 PM (IST)
सिर्फ तीन यात्रियों को लेकर दिल्‍ली रवाना हुई वोल्‍वो, कर्मचारियों ने कहा, रोडवेज को पूरा डुबो कर मानेंगे
सिर्फ तीन यात्रियों को लेकर दिल्‍ली रवाना हुई वोल्‍वो, कर्मचारियों ने कहा, रोडवेज को पूरा डुबो कर मानेंगे

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड परिवहन निगम ने साढ़े तीन महीने बाद अनुबंधित बसों का संचालन शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत वाल्वो बस से हुई। धीरे-धीरे एसी व सामान्य बसों को भी सड़क पर उतारने की योजना है।

हालांकि, हल्द्वानी से दिल्ली रूट को निकली पहली वाल्वो के सिर्फ तीन यात्री लेकर निकलने से संगठनों ने आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि ठेकेदार के दबाव में शुरू की गई यह सेवा रोडवेज को और घाटा पहुंचाएगी। वहीं, अब मुख्यालय ने आदेश जारी कर कहा है कि 15 से कम यात्री होने पर वाल्वो को मार्ग पर न भेजा जाएं। घाटे से बचने को यह आदेश जारी हुआ है।

उत्तराखंड परिवहन निगम के बस बेड़े में खुद के अलावा अनुबंधित गाडिय़ां भी शामिल है। अनुबंधित बसों को निगम द्वारा भुगतान किया जाता है। इसमें चालक ठेकेदार और परिचालक रोडवेज का होता है। डीजल पहले निगम द्वारा अपने पंप से दिया जाता है। फिर भुगतान के समय वसूली की जाती है। कोविड कफ्र्यू के दौरान जब अंतरराज्यीय बस सेवा पर प्रतिबंध लग गया तो दिल्ली व दून रूट पर चलने वाली अनुबंधित बसों का संचालन बंद कर दिया गया। साढ़े तीन माह तक यही स्थिति जारी रही।

आठ जुलाई को उत्तर प्रदेश द्वारा बस संचालन की अनुमति मिलने पर रोडवेज की कमाई में थोड़ा इजाफा शुरू हो गया था। अब मुख्यालय ने अनुबंधित को चलाने के आदेश दे दिए। जिसका कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं। हालांकि, जीएम संचालन दीपक जैन का कहना है कि 15 से कम सवारियों वो भी अंतिम स्टेशन की नहीं होने पर बस न भेजी जाए।

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