कौसानी के ग्रामीणों का कलक्ट्रेट पर हल्ला बोल, आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार का किया एलान
कौसानी को नगर पंचायत का दर्जा मिलने पर ग्रामीण खफा हैं। उन्होंने शुक्रवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कहा कि नगर पंचायत बनाने के पीछे कौन लोग शामिल हैं। गांवों के प्रधानों और लोगों से अनुमति क्यों नहीं ली गई। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : महात्मा गांधी के मिनी स्वीट्जरलैंड कौसानी को नगर पंचायत का दर्जा मिलने पर ग्रामीण खफा हैं। उन्होंने शुक्रवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कहा कि नगर पंचायत बनाने के पीछे कौन लोग शामिल हैं। गांवों के प्रधानों और लोगों से अनुमति क्यों नहीं ली गई। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया।
ग्रामीणों बड़ी संख्या में कलक्ट्रेट पहुंच और प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कौसानी को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। जिसके लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों को विश्वासन में नहीं लिया गया है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि चंद होटल स्वामियों के कहने पर यदि कौसानी को नगर पंचायत बनाया गया है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन है। कौसानी में नगर पंचायत बनने के बाद गांवों तक विकास पहुंच पाना मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उनके बिना राय मशविरा के एक तरफा फैसला लेते हुए यह फैसला लिया गया है। गांव के विकास के फैसले लेने के लिए आपस में मिल बैठकर फैसले लेते रहे हैं। ऐसे में अब कहां किसके पास जाया जाएगा। इससे तो गांव का विकास बाधित हो जाएगा। ग्रामीणों ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
होटलों, रेस्टोरेंट तक ही विकास सिमट जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिपं सदस्यों को ग्रामीण चुनते हैं और उनसे गांवों के विकास की बात होती है। लेकिन यह हक भी ग्रामीणों से जबर्दस्ती छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीणों के साथ धोखा है। इस दौरान ग्राम प्रधान बच्चन राम, भुवन सिंह, देवेंद्र सिंह, दर्शन सिंह, अभिषेक, अजुन, जगदीश, गोपाल, प्रदीप कुमार, बहादुर संह, दीवान सिंह, हुकम सिंह आदि मौजूद थे।