अल्मोड़ा में भूख हड़ताल पर बैठे ग्राम प्रधान, निर्णायक जंग का किया ऐलान
बुधवार से पंचायत प्रतिनिधियों ने मनरेगा कर्मी के समर्थन में भूख हड़ताल शुरू कर दी। पहले चरण में ग्राम प्रधान भीटारकोट संजय सिंह नेगी व प्रधान संगठन उपाध्यक्ष रमेश सिंह बोरा आमरण अनशन पर बैठे। ग्राम प्रधानों ने कहा कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : मनरेगा कर्मी की पुनर्बहाली के बजाय सेवा ही समाप्त कर दिए जाने से माहौल फिर गरमा गया है। विकासखंड के पंचायत प्रतिनिधि शासन प्रशासन के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। निर्णायक जंग का ऐलान करते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी गई है। सत्तापक्ष के दबाव में एकतरफा कार्रवाई, शोषण व मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप लगा ग्राम प्रधानों ने कहा कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
ब्लॉक मुख्यालय में बुधवार से पंचायत प्रतिनिधियों ने मनरेगा कर्मी के समर्थन में भूख हड़ताल शुरू कर दी। पहले चरण में ग्राम प्रधान भीटारकोट संजय सिंह नेगी व प्रधान संगठन उपाध्यक्ष रमेश सिंह बोरा आमरण अनशन पर बैठे। इस दौरान हुई सभा में मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत की सेवा बहाली, झूठी शिकायत को निरस्त कर राज्य के हजारों दैनिक, आउटसोर्स व संविदा कार्मिकों को न्याय का मुद्दा जोरशोर से उठा। वक्ताओं ने शासन प्रशासन पर सत्तापक्ष के दबाव में आंदोलन को कुचलने व नागरिक अधिकार छीनने का भी आरोप लगाया। ग्राम प्रधानों का कहना था कि जिला प्रशासन पूरी तरह से शासन के दबाव में काम कर रहा है। इतने दिनों से ग्राम प्रधान आंदोलित हैं पर कोई सुनने वाला नहीं है। उनका कहना है कि असहाय मनरेगा कर्मी को परेशान किया जा रहा है। उसको जब तक वापस नहीं लिया जाएगा। हम धरने से नहीं हटने वाले हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे प्रधान संगठन उपाध्यक्ष रमेश व प्रधान संजय ने कहा कि मनरेगा कर्मी नारायण ने 12 वर्षों तक निस्वार्थ सेवा दी। मनरेगा कार्मिकों के साथ ही ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के क्रियान्वयन में भी अहम योगबदान दिया। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए अब संघर्ष और तेज करेंगे। बेमियादी धरने पर ज्येष्ठ उपप्रमुख नंदिता भट्ट, ग्राम प्रधान जमनिवार प्रकाश राम, प्रकाश अधिकारी धन्यारी, सीमा आर्या बेढुली, दिगंबर सिंह बिष्ट, अरविंद अधिकारी, एचसी नयाल, संजय आर्या आदि धरने पर बैठे।