कांग्रेस के विकास व भाजपा के भ्रष्‍टाचार पर लड़ा जाएगा व‍िधानसभा चुनाव, प्रेस से रूबरू हुए कांग्रेसी द‍िग्‍गज

कांग्रेस 2022 का चुनाव अपने कार्यकाल में हुए विकास और भाजपा शासन काल मे हुए भ्रष्‍टाचार को लेकर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेसी दिग्गजों ने अपनी उपलब्धियों पर आधारित पहली वीडियो की लॉन्चिंग करते हुए ये बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चेहरे पर सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 01:45 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 01:45 PM (IST)
कांग्रेस के विकास व भाजपा के भ्रष्‍टाचार पर लड़ा जाएगा व‍िधानसभा चुनाव, प्रेस से रूबरू हुए कांग्रेसी द‍िग्‍गज
एक साथ प्रेस से रूबरू हुए कांग्रेसी द‍िग्‍गज।

हल्द्वानी, जेएनएन: कांग्रेस 2022 का चुनाव अपने कार्यकाल में हुए विकास और भाजपा शासन काल मे हुए भ्रष्‍टाचार को लेकर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेसी दिग्गजों ने अपनी उपलब्धियों पर आधारित पहली वीडियो की लॉन्चिंग करते हुए ये बात कही। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चेहरे पर सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा।

राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि भाजपा शासन काल मे भ्रस्टाचार चरम पर है। कांग्रेस ने राज्य की दशा और दिशा बदलने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई थी। किसानों को पेंशन देने की शुरुआत राज्य में हरीश रावत ने की। त्रिवेंद्र सरकार में बेरोजगारी चरम पर है। कोरोना काल मे घर वापस आए छह लाख लोंगो को रोजगार देने के लिए कोई प्रयास भाजपा ने नहीं किये, जिस कारण लोंगो को हताश होकर घरों से जाना पड़ रहा है। बागेश्वर जैसे छोटे जिले में 40 लोंगो के आत्महत्या करना राज्य के गंभीर हालातों को दर्शा रहा है। अब समय आ गया है जब जनता को राज्य के 20 सालों का निष्पक्ष आकलन करना चाहिए कि किस पार्टी ने राज्य का विकास किया।

हरीश रावत के चेहरे पर लड़ा जाएगा चुनाव

कहा क‍ि सभी की इच्छा है कि आने वाले चुनावों में हरीश रावत के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाय। चुनाव में भाजपा के भ्रस्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री हीरो टॉलरेंस का दावा करते है और मंत्री 400 करोड़ के घोटाले में लिप्त हो रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि वर्ष 2007 और 2012 में कांग्रेस ने हरीश रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। अपने संघर्षों की वजह से हरीश रावत की प्रदेश के सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेता हैं। विधानसभा के बाहर से भी वह असली विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। हरीश रावत कहां से चुनाव लड़ेगा, ये पार्टी हाईकमान तय करेगी। बागियों को लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिनको खुद पर विश्वास नहीं है वो इस तरह के बयान दे रहे हैं। जिन्होंने कांग्रेस सरकार गिरने का प्रयास किया और लोकतंत्र की हत्या की, उनको दोबारा पार्टी में शामिल करना किसी कार्यकर्ता के गले नहीं उतरेगा। उनमें अगर नैतिकता होती तो कभी चुनाव ही नहीं लड़ते।

पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकते रावत पर टि‍प्‍पणी करने वाले

विधायक हरीश धामी ने कहा कि हरीश रावत के चेहरे के बिना कांग्रेस कुछ भी नहीं है। कुछ बरसाती मेढक जो पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकते, वो हरीश रावत पर टिप्पणी कर रहे हैं। पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल ने कहा कि आम जनमानस की राय हरीश रावत के पक्ष में है। अगर बागियों को पार्टी में वापस लाया गया तो लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर इसे बचाने की कोशिश करने वाले कार्यकर्ताओ के साथ अन्याय होगा।

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