वीर चक्र विजेता मेजर जनरल सुरेंद्र शाह का निधन, 1965 में भारत-पाक युद्ध में संभाला था मोर्चा

वीर चक्र विजेता व विशिष्ट सेना मेडल मेजर जनरल सुरेंद्र शाह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। योद्धा सुरेंद्र शाह ने 1965 में भारत-पाक युद्ध के तिथवाल सेक्टर से हीरो रहे थे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:51 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 07:51 PM (IST)
वीर चक्र विजेता मेजर जनरल सुरेंद्र शाह का निधन, 1965 में भारत-पाक युद्ध में संभाला था मोर्चा
वीर चक्र विजेता मेजर जनरल सुरेंद्र शाह का निधन, 1965 में भारत-पाक युद्ध में संभाला था मोर्चा

हल्द्वानी, जेएनएन : वीर चक्र विजेता व विशिष्ट सेना मेडल मेजर जनरल सुरेंद्र शाह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। योद्धा सुरेंद्र शाह ने 1965 में भारत-पाक युद्ध के तिथवाल सेक्टर से हीरो रहे थे। इस युद्ध में उनको बहादुरी के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति से वीर चक्र से नवाजा गया था। सोमवार को सीने में दर्द उठने पर परिवार वाले उन्हें सुबह हास्पिटल ले गए थे। यहां शाम के समय उन्होंने अंतिम सांस ली।

1962 में मिला था कमीशन

तीन जुलाई 1943 को जन्मे सुरेंद्र शाह को 11 दिसंबर 1962 को भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन में कमीशन मिला था। वर्ष 1965 के युद्ध में एक सामान्य इन्फेंट्री बटालियन ने पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप के पोस्ट पर आक्रमण किया था और इस दल का नेतृत्व तब तत्कालीन कैप्टेन सुरेंद्र शाह ने किया। युद्ध में पाकिस्तान की विशेष बटालियन के एक अफसर और 58 जवानों को उनके ही मोर्चो पर मार गिराया दिया गया।

राष्ट्रपति ने वीर चक्र से किया था सम्मानित

बहादुरी, साहस, कुशल नेतृत्व के उच्च कोटि का प्रर्दशन के लिए कैप्टन सुरेंद्र शाह को तत्कालीन राष्ट्रपति ने वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसके बाद भी सुरेंद्र शाह ने सेना के सभी महत्वपूर्ण पदों पर बखूबी कौशल दिखाया। एक नवंबर 1995 को कर्नल ऑफ़ रेजिमेंट के पद मिला और वह कुमाऊँ रेजिमेंट, नागा रेजिमेंट और कुमाऊँ स्काउट्स के कर्नल ऑफ़ रेजिमेंट रहे। 31 जुलाई 2001 को मेजर जनरल सुरेंद्र शाह इसी पद से सेवा निवृत हुए।

पूर्व सैनिकों के संरक्षक की अहम् भूमिका निभाई

सेवानिवृत्ति के बाद वह हल्द्वानी में बीरशिबा स्कूल के समीप आशियाना बनाकर बस गए। उन्होंने पूर्व सैनिकों के संरक्षक की अहम् भूमिका निभाई। जिला सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर बीएस रौतेला ने बतया कि मेजर जनरल सुरेंद्र शाह मेजर जनरल इंद्राजीत सिंह बोरा, विशिष्ट सेवा मेडल और ब्रिगेडियर पीएस बोरा के बहनोई थे। सोमवार की सुबह उन्हें सीने मे दर्द उठा। उन्हें सुबह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शाम करीब सवा चार बजे मेजर जनरल शाह ने अंतिम सांस ली।

इकलौते पुत्र सिद्धार्थ शाह मेजर

मेजर बीएस रौतेला ने बताया कि मेजर जनरल सुरेंद्र शाह के इकलौते पुत्र सिद्धार्थ शाह भी आर्मी में नर्थ इस्ट में मेजर के पद पर तैनात हैं। उनके बुधवार तक पहुंचने की संभावना है। मेजर सिद्धार्थ शाह के आने के बाद रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर मेजर जनरल सुरेंद्र शाह के पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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