उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की हाजिरी वाट्सएप से मुख्यालय जाएगी
उत्तराखंड परिवहन निगम के घाटे में जाने की एक बड़ी वजह लापरवाही भी है। ऐसे में मुख्यालय स्तर से सुबह-शाम की हाजिरी को लेकर नया नियम लागू होने वाला है। वाट्सएप के माध्यम से यह जानकारी मुख्यालय पहुंच जाएगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड परिवहन निगम के घाटे में जाने की एक बड़ी वजह लापरवाही भी है। ऐसे में मुख्यालय स्तर से सुबह-शाम की हाजिरी को लेकर नया नियम लागू होने वाला है। वाट्सएप के माध्यम से यह जानकारी मुख्यालय पहुंच जाएगी। इसमें अनुपस्थित दर्शाये जाने पर वेतन कटना तय है। क्योंकि, कार्रवाई शीर्ष स्तर से होगी। डिपो व बाबू लेवल की सेटिंग काम नहीं आएगी।
परिवहन निगम का आर्थिक संकट हटने का नाम नहीं ले रहा। बस बेड़े की मेंटेनेंस और छह हजार कर्मचारी-अफसरों की सैलरी देने में निगम के पसीने छूट रहे हैं। इसलिए लगातार वेतन लंबित पड़ा हुआ है। रोडवेज को हर माह सिर्फ वेतन भुगतान के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है। आठ जुलाई के बाद भले बसों के संचालन ने रफ्तार पकड़ी हो लेकिन अभी महकमा पूरी तरह नहीं उबर सका।
ऐसे में मुख्यालय स्तर से लापरवाह व बोझिल कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक आठ से पांच तक ड्यूटी करने वाले और अलग-अलग शिफ्ट में काम पर आने वाले लोगों को इन-आउट दोनों वक्त उपस्थिति दर्शानी होगी। अभी कई कर्मचारी ऐसे थे जो कि सुबह एक बार हाजिरी लगा गायब हो जाते थे। कुछ की बिना आए भी एटेंडेंस लग जाती थी।
कर्मचारियों में हड़कंप
मुख्यालय स्तर से जारी होने वाले इस आदेश को लेकर कर्मचारियों वह वर्ग खुश है जो ड्यूटी को लेकर लापरवाही नहीं बरतता। जबकि नेतागिरी के चक्कर में काम न करने के बावजूद पूरी सैलरी लेने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। इसलिए विरोध की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। लेकिन सूत्रों की माने तो परिवहन निगम इस बार सख्ती के मूड में है।