उत्तराखंड चाय बागान विकास बोर्ड उपाध्यक्ष ने कहा- चाय बागान पट्टी के रूप में विकसित होगा जौरासी

जौरासी क्षेत्र में अभी तक करीब 15.4 हेक्टेयर भूमि में चाय बागान लग चुके हैं। अब 100 हेक्टेयर में चाय का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। पूर्व से चाय बागान व नर्सरी तैयार कर रहे किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने का उपाध्‍यक्ष पिलख्‍वाल ने वादा भी किया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 12:35 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 07:53 AM (IST)
उत्तराखंड चाय बागान विकास बोर्ड उपाध्यक्ष ने कहा- चाय बागान पट्टी के रूप में विकसित होगा जौरासी
क्षेत्र में बोर्ड जमीन लीज पर लेकर चाय बागान व नर्सरी तैयार करवाएगा।

संवाद सहयोगी, चौखुटिया (अल्मोड़ा) : जौरासी क्षेत्र में टी उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएं हैं, इसलिए जौरासी बेल्ट को चाय बागान पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए काश्तकारों को आगे आना होगा। टी विकास बोर्ड उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

यह बातें उत्तराखंड चाय बागान विकास बोर्ड उपाध्यक्ष (दर्जा राज्यमंत्री) गोविंद सिंह पिलख्वाल ने बुधवार को जौरासी में चाय नर्सरी व बागान के निरीक्षण के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में तैयार चाय नर्सरी व बागानों का स्थलीय निरीक्षण किया तथा यहां चाय उत्पादन की संभावनाओं का भी जायजा लिया। बाद में उन्होंने काश्तकारों के साथ बैठक कर चाय उत्पादन को लेकर विस्तार से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनी। कहा कि क्षेत्र में बोर्ड जमीन लीज पर लेकर चाय बागान व नर्सरी तैयार करवाएगा। इससे इलाके के काश्तकारों को लाभ मिलेगा व गांवों से पलायन भी रूकेगा।

कहा कि जौरासी क्षेत्र में अभी तक करीब 15.4 हेक्टेयर भूमि में चाय बागान लग चुके हैं। अब 100 हेक्टेयर में चाय का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। पूर्व से चाय बागान व नर्सरी तैयार कर रहे किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने का भी वादा किया। अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र संगेला व संचालन तारा सिंह नेगी ने किया। इस अवसर पर कुंदन पटवाल, कृपाल सिंह, बलवंत सिंह नेगी, पूरन सिंह संगेला, सुरेंद्र सिंह मनराल, आनंद सिंह डंगवाल, प्रकाश भंडारी, कैलाश बोरा, बंशीधर कुमयां, टी बोर्ड के प्रमोद कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे। इससे पूर्व जौरासी पहुंचने पर बोर्ड के उपाध्यक्ष का लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।

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