उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की बैठक में मूल्याकंन को बेहतर बनाने पर जोर
गुरुवार को बोर्ड के नये सदस्यों की बैठक हुई। निदेशक ने नये सदस्यों को बोर्ड के पुर्नगठन की महत्ता दायित्वों की जानकारी दी। बैठक में नई शिक्षा नीति को लागू करने व वर्तमान में बोर्ड परीक्षा के मूल्याकंन के पैटर्न को बेहतर बनाने को लेकर चर्चा की गई।
जागरण संवाददाता, रामनगर (नैनीताल) : उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद से संबंधित कामकाज के लिए शासन से अधिसूचना के बाद परिषद का नया पुर्नगठन हो गया है। परिषद के नये पुर्नगठन की पहली बैठक परिषद के सभागार में हुई। बोर्ड का कार्यकाल तीन साल तक रहेगा। शासन ने 24 नये सदस्यों को उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद में नामित किया है।
उत्तराखंड के माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंअर की अध्यक्षता में गुरुवार को बोर्ड के नये सदस्यों की बैठक हुई। निदेशक कुंअर ने नये सदस्यों को बोर्ड के पुर्नगठन की महत्ता व उसके द्वारा किए जाने वाले दायित्वों की जानकारी दी। बैठक में नई शिक्षा नीति को लागू करने व वर्तमान में बोर्ड परीक्षा के मूल्याकंन के पैटर्न को बेहतर बनाने को लेकर सदस्यों द्वारा चर्चा की गई। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति में जो मूल्याकंन की बात आई है, उसे मद्देनजर रखते हुए उसमें आगे सुधार की बात रखी गई। इसका प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा। बैठक में अपर सचिव बृजमोहन रावत, अपर सचिव एनसी पाठक मौजूद थे।
इसलिए होता है परिषद का नया पुर्नगठन
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद में संपन्न होने वाले कार्यों के लिए नया गठन किया गया है। इस बार नये सदस्यों में दो विधानसभा के सदस्यों के अलावा राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद, एससीईआरटी, मेडिकल कालेज, विश्वविद्यालय, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण संस्थान, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, स्पोर्ट्स कालेज के सदस्यों को इसमें नामित किया गया है। परिषद के नये सदस्यों से ही अलग-अलग विभागीय कार्यों को करने के लिए आठ समिति बनाई जाएगी। जिसमें बोर्ड परीक्षा समिति, वित्त समिति, रिजल्ट समिति, पाठयचर्या समिति, मान्यता समिति, शिक्षक शिक्षा समिति, महिला शिक्षा समिति का गठन होगा।