क्षेत्रीय दलों को एकजुट करेगी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, विकल्प के रूप में उभरने का दावा
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उपपा राज्य के प्राकृतिक संसाधनों जमीन की लूट व क्षेत्रीय अस्मिता को कुचलने वाली सोच के $खलिाफ़ तमाम संगठनों को एकजुट करने हेतु गंभीरता से प्रयासरत है इसके नतीजे जल्दी सामने आएंगे।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : विधानसभा चुनाव से पूर्व उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी क्षेत्रीय दलों, सामाजिक संगठनों को एकजुट करने में लग गई है। उसका दावा है कि जल्द ही प्रदेश में क्षेत्रीय हितों के लिए तीसरे विकल्प को खड़ा कर लिया जाएगा।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने उत्तराखंडी सोच के तमाम, जनसंगठनों, आंदोलनकारियों, सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक संगठनों से एकजुटता की अपील कर रहा है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उपपा राज्य के प्राकृतिक संसाधनों, जमीन की लूट व क्षेत्रीय अस्मिता को कुचलने वाली सोच के $खलिाफ़ तमाम संगठनों को एकजुट करने हेतु गंभीरता से प्रयासरत है और उम्मीद करती है कि इसके नतीजे जल्दी सामने आएंगे। कांग्रेस, भाजपा और दिल्ली से उत्तराखंड राज्य में विकल्प बनने की कोशिश कर रही तिकड़मी सतही पार्टियों से उत्तराखंडी समाज का भला नहीं हो सकता है।
राज्य बनने के बाद उत्तराखंड की हालत इसका स्वयं प्रमाण हैं जिसके चलते उत्तराखंड आज बिल्कुल खोखला, निस्तेज और आक्रोशित है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की अवसरवादिता एवं उत्तराखंडी सोच के लोगों के राजनीतिक विकल्प के रूप में एकजुट ना हो पाने के कारण स्थितियां गंभीर हुई हैं जिहें बदलने का वक़्त आ गया है।
उपपा अध्यक्ष ने तिवारी नले कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर पूंजीपतियों, भू माफियाओं का कब्जा कराने वाली ताकतें आज चुनावों को देखते हुए गिरगिट की तरह रंग बदलकर $खुद सशक्त भू कानून की बात कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जिनकी नीतियों से उत्तराखंड के युवा बेरो•ागारी, महंगाई, अभाव से जूझ रहे हैं वे विकास- विकास व बूथ- बूथ का शोर मचा कर जनता के मूल सवालों को भटकाकर काले धन की ताक़त से फिर सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंडी सोच के सामाजिक राजनीतिक संगठनों, आंदोलनकारियों में एकजुट होने को लेकर गहन मंथन की प्रक्रिया चल रही है जो जल्द ही मूर्त रूप ले सकती है।