नेपाली समेत तीन क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करेगा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) क्षेत्रीय भाषाओं में प्रमाणपत्र व डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है। यूओयू की मानविकी विद्याशाखा की अध्ययन समिति ने गुरुवार को हुई वर्चुअल बैठक में पाठ्यक्रम संचालित करने की मंजूरी दे दी। विशेषज्ञ समिति ने मार्च में ही प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:07 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:07 AM (IST)
नेपाली समेत तीन क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करेगा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय
नेपाली समेत तीन क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करेगा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) क्षेत्रीय भाषाओं में प्रमाणपत्र व डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है। यूओयू की मानविकी विद्याशाखा की अध्ययन समिति ने गुरुवार को हुई वर्चुअल बैठक में पाठ्यक्रम संचालित करने की मंजूरी दे दी। विशेषज्ञ समिति ने मार्च में ही प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी।

गुरुवार को हुई अध्ययन समिति की बैठक की अध्यक्षता विद्याशाखा के निदेशक प्रो. एचपी शुक्ल ने की। समिति की मंजूरी के बाद नेपाली भाषा में छह माह का प्रमाणपत्र व एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स शुरू हो सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों के तहत 28 क्रेडिट का होगा। 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी डिप्लोमा व प्रमाणपत्र कोर्स के लिए प्रवेश ले सकते हैं।

यूओयू के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी क्षेत्रीय भाषाओं पर पाठ्यक्रम शुरू करने पर विशेष रुचि ले रहे हैं। उनका मानता है कि नेपाल के साथ भारत का रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। नेपाली भाषा पर पाठ्यक्रम शुरू होने से दोनों देश के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

गुरुवार को हुई वर्चुअल बैठक में डा. रयाल ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा रखी और प्रो शुल्क ने प्रस्ताव को अनुमोदित किया। बैठक में गुवाहाटी विश्वविद्यालय डा. खगेन शर्मा, बीएचयू से प्रो. दिवाकर प्रधान, दार्जिलिंग पीजी कॉलेज से डा. नवीन पौडयाल व डा. राजकुमार ऑनलाइन जुड़े।

गढ़वाली, कुमाऊंनी पर जल्द आएगा प्रस्ताव

कार्यक्रम समन्वयक डा. राकेश रयाल ने बताया कि कुमाऊंनी व गढ़वाली पर पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर कुलपति विशेष रूप से उत्साहित हैं। जल्द ही इसका प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति और फिर अध्ययन समिति की बैठक में लाया जाएगा। नेपाली समेत तीनों भाषाओं पर 20 जुलाई के सत्र से पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है।

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