अपराधियों की शरणस्थली बना उत्तराखंड, 101 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय इनामी बदमाशों ने ले रखी हैै पनाह
उत्तराखंड पुलिस को ऐसे ही 150 फरार इनामी बदमाशों की तलाश है। इसमें 101 बदमाश देश के 10 राज्यों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले हैं। पुलिस एक अगस्त से इन इनामी बदमाशों की धरपकड़ को विशेष अभियान चलाने जा रही है।
वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर। उत्तराखंड अपराधियों की शरणस्थली बनते जा रहा है। यहां शरण लेने वाले बदमाश वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। ऐसे बदमाशों की धरपकड़ पुलिस के लिए चुनौती बन जाती है। उत्तराखंड पुलिस को ऐसे ही 150 फरार इनामी बदमाशों की तलाश है। इसमें 101 बदमाश देश के 10 राज्यों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले हैं। पुलिस एक अगस्त से इन इनामी बदमाशों की धरपकड़ को विशेष अभियान चलाने जा रही है।
उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश व हिमाचल के साथ ही नेपाल से सटा हुआ है। इन राज्यों के अलावा तमाम अन्य प्रदेशों के लोगों का भी यहां रोजगार एवं अन्य कार्यों के लिए आना जाना लगा रहता है। कई बार अपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी पुलिस से बचने के लिए उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में शरण ले लेते हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में 500 रुपये से लेकर 20 हजार तक के 150 इनामी बदमाश हैं, जो फरार चल रहे हैं। वर्षों से यह बदमाश पुलिस की पहुंच से दूर हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य के 150 इनामी बदमाशों में से 49 बदमाश उत्तराखंड के ही हैं। शेष 101 में दो पड़ोसी देश नेपाल के व 10 अन्य राज्यों के हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक 53, बिहार के 24, पंजाब के दो, राजस्थान के तीन, हरियाणा के आठ, दिल्ली के पांच, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के एक-एक इनामी बदमाश शामिल हैं। इन बदमाशों पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, धोखाधड़ी, रंगदारी आदि के मुकदमे दर्ज हैं।
39 इनामी बदमाश हो चुके हैं गिरफ्तार
उत्तराखंड में 189 बदमाशों पर इनाम घोषित किया गया था। जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम ने छह माह के भीतर 39 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है।
माओवादी भाष्कर पर भी है 20 हजार का इनाम
उत्तराखंड पुलिस अधिकांश माओवादियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन माओवादी भाष्कर पांडेय उर्फ भुवन पांडेय अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। भाष्कर पर 20 हजार का इनाम घोषित है।
कोविड वार्ड से फरार हुआ था नेपाल का इनामी बदमाश
सितंबर 2020 में कोरोना संक्रमण होने पर सितारगंज जेल के सजायाफ्ता नेपाल निवासी देवेंद्र धानुक समेत तीन कैदियों को जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां से तीनों फरार हो गए थे। बाद में पुलिस ने दो फरार कैदियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन देवेंद्र धानुक नहीं पकड़ा जा सका है।
उत्तराखंड में 150 इनामी बदमाश
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि उत्तराखंड में 150 इनामी बदमाश हैं। जिसमें 101 बाहरी राज्यों के रहने वाले हैं। साथ ही दो नेपाल के भी हैं। इनकी धरपकड़ को एक अगस्त से राज्य स्तर पर पुलिस और एसटीएफ विशेष अभियान चलाएगी। साथ ही वांछित अपराधियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।