उत्‍तराखंड हाईकोर्ट ने गणित प्रवक्ता पद के अभ्यर्थी को दी राहत, आयोग से मांगी आपत्‍त‍ि

स्क्रीनिंग टेस्ट में सफल प्रवक्ता गणित के अभ्यर्थियों को नियमानुसार अधिक आरक्षण मिलने का मामला उलझता जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस मामले को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अस्थाई रूप से 28-29 अक्टूबर को तय परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी!

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:19 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:19 AM (IST)
उत्‍तराखंड हाईकोर्ट ने गणित प्रवक्ता पद के अभ्यर्थी को दी राहत, आयोग से मांगी आपत्‍त‍ि
हाईकोर्ट ने प्रवक्ता पद के अभ्यर्थी को दी राहत, आयोग से मांगी आपत्‍त‍ि

जागरण संवाददाता, नैनीताल : स्क्रीनिंग टेस्ट में सफल प्रवक्ता गणित के अभ्यर्थियों को नियमानुसार अधिक आरक्षण मिलने का मामला उलझता जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस मामले को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अस्थाई रूप से 28-29 अक्टूबर को तय परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी, साथ ही लोक सेवा आयोग को आपत्ति दाखिल करने को दो सप्ताह का समय भी दिया है।

मामले के मुताबिक प्रवक्ता पद के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट में दिव्यांग श्रेणी में नियमानुसार एक पद के सापेक्ष 15 अभ्यर्थियों का चयन होना था लेकिन आयोग ने एक पद के सापेक्ष मात्र नौ का चयन किया है। प्रवक्ता पदों के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम आने के बाद अब 28-29 अक्टूबर को लिखित परीक्षा होनी है। भवाली निवासी देवेंद्र भंडारी ने स्क्रीनिंग टेस्ट परिणाम को याचिका के माध्यम से चुनौती दी है।

सोमवार को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग नियमावली के नियम 25 का अनुपालन नहीं किया गया। नियमानुसार दिव्यांग श्रेणी में एक अनुपात 15 के तहत प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को बुलाना आवश्यक था लेकिन आमंत्रित अभ्यर्थियों की संख्या एक पद के सापेक्ष नौ थी, जो नियमावली के नियम 25 का उल्लंघन था। कोर्ट ने इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता द्वारा अपने संशोधन आवेदन के माध्यम से एक और मुद्दा उठाया गया है। वह यह कि व्याख्याता गणित के लिए उपलब्ध कुल सीटों का 42 प्रतिशत है। कोर्ट ने इस सवाल पर आयोग को आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से आयोग की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान कर दी है।

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