पहाड़ में सस्ता प्याज बेचने में भी असमर्थ है उत्तराखंड सरकार, पिथौरागढ़ में 150 रुपए किलो बिक रही
मूलभूत सुविधाओं से वंचित पहाड़ के लोगों को सरकार सस्ता प्याज भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। मैदानी क्षेत्रों में मंडी समिति की ओर से 70 रु किलो तक प्याज उपलब्ध करा दिया जा रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : मूलभूत सुविधाओं से वंचित पहाड़ के लोगों को सरकार सस्ता प्याज भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। मैदानी क्षेत्रों में मंडी समिति की ओर से 70 रुपये किलो तक प्याज उपलब्ध करा दिया जा रहा है, लेकिन पहाड़ में लोग प्याज के लिए 150 रुपये तक भुगतान करने को मजबूर हैं। ऐसे में लोगों ने प्याज खाना ही छोड़ दिया है।
कुमाऊं में पहाड़ के चार जिले अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत में मंडी नहीं हैं। यही कारण हैं कि वहां पर सस्ता प्याज भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। हल्द्वानी, रुद्रपुर समेत मैदानी क्षेत्रों की मंडियों में सरकार की ओर से पिछले कुछ दिनों से थोक रेट पर ही प्याज उपलब्ध है, लेकिन पिथौरागढ़ में लोग 120 से 150 रुपये किलो प्याज खरीदने को मजबूर हैं। बागेश्वर में भी 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा कीमत में प्याज बेचा जा रहा है। सरकार की इस तरह की उपेक्षा से लोगों में आक्रोश है।
राशन कार्ड के अलावा आधार कार्ड से दिया प्याज
मंडी समिति हल्द्वानी ने सुबह 10 से शाम पांच बजे तक काउंटर लगाया। बुधवार को 152 किलो प्याज बेचा। राशन कार्ड लेकर लोगों को प्याज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जिनके पास यह कार्ड नहीं थी, उन्हें आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस से भी एक किलो प्याज उपलब्ध कराया गया। 12 दिसंबर को भी मंडी समिति प्याज वितरण के लिए स्टॉल लगाएगी।
फिलहाल मंडियों में नहीं सस्ता हुआ है प्याज
गजराज बिष्ट, अध्यक्ष, मंडी परिषद ने बताया कि आपूर्ति बढऩे पर पहाड़ के कलेक्शन सेंटरों पर भी प्याज सस्ते रेट पर बेचा जाएगा। अभी इन मंडियों में ही प्याज पर्याप्त नहीं है। इसलिए पहाड़ में उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : छह मिनट के लोकगीत में होगा उत्तराखंड का दर्शन, कुछ ही घंटों में हजारों लोगों ने देखा ट्रेलर
यह भी पढ़ें : वनों की मनमाफिक परिभाषा से घिरी प्रदेश सरकार, हाईकोर्ट की रोक के बाद केन्द्र ने जारी की एडवाइजरी