Uttarakhand Assembly Election 2022 : राहुल गांधी के दौरे के बाद टिकट पर पत्ते खोलेगी कांग्रेस
Uttarakhand Assembly Election 2022 स्टार प्रचारकों की उत्तराखंड में एंट्री के मामले में अभी भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस अब टिकट तय करने को लेकर बाजी मारना चाहती है। 16 दिसंबर को देहरादून में राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की बड़ी जनसभा होनी है जिसके बाद प्रदेश सलेक्शन कमेटी की बैठक होगी।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Uttarakhand Assembly Election 2022 : स्टार प्रचारकों की उत्तराखंड में एंट्री के मामले में अभी भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस अब टिकट तय करने को लेकर बाजी मारना चाहती है। 16 दिसंबर को देहरादून में राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की बड़ी जनसभा होनी है, जिसके बाद प्रदेश सलेक्शन कमेटी की बैठक होगी। उसी में कुमाऊं से गढ़वाल तक कई सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय होगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की तरफ से भेजे गए पर्यवेक्षकों ने सभी विधानसभाओं में किए सर्वे की रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी को सौंप दी है। सलेक्शन कमेटी की बैठक पहले 15 दिसंबर को थी। मगर राहुल गांधी का दौरा तय होने की वजह से तारीख आगे बढ़ सकती है।
70 सीटों वाले उत्तराखंड में अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर बाहरी पर्यवेक्षक पूर्व में विधानसभा, जिले और लोकसभा वार सर्वे कर कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों से भी संगठन और उम्मीदवारी को लेकर फीडबैक ले चुके हैं। इसके बाद प्रदेश प्रभारी को रिपोर्ट भी सौंप दी गई। अब प्रदेश संगठन ने चुनावी हसरत पाले नेताओं का एक और टेस्ट लेने का निर्णय लिया है। हर आवेदक को फार्म भरकर बताना है कि बीते पांच साल में संगठन को मजबूत करने में व्यक्तिगत तौर पर उसका क्या योगदान रहा। नौ दिसंबर तक यह रिपोर्ट सभी जिलाध्यक्षों के पास पहुंच जाएगी।
उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) को मिलेगी, जिसके बाद सलेक्शन कमेटी की बैठक में कई सीटों पर स्थिति साफ हो जाती। मगर अब राहुल गांधी की जनसभा के बाद निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस गणेश गोदियाल ने बताया कि कांग्रेस दिसंबर में ही कई सीटों पर उम्मीदवार तय कर देगी। 16 को राहुल गांधी के दून दौरे की वजह से सलेक्शन कमेटी की बैठक का समय बदल सकता है। कितनी और कौन-कौन सी सीट होगी। यह बैठक में ही तय होगा।
मुख्य सीटों का मामला अटकेगा
पार्टी सूत्रों के अनुसार टिकट आवंटन के पहले चरण में उन विधानसभा क्षेत्रों के नाम फाइनल होंगे, जहां गुटबाजी नहीं होने के साथ बहुत ज्यादा दावेदार नहीं है। टिकट बंटते ही जिन जगहों पर विवाद की आशंका है, वहां कांग्रेस अभी वेट एंड वाच की स्थिति में रहेगी। इसमें नैनीताल जिले की भी कुछ विधानसभाएं शामिल हैं।
छोटों में विवाद तो बड़ा चेहरा संभव
कई विधानसभाएं ऐसी हैं जहां स्थानीय दावेदारों की पूरी फौज खड़ी है। इनमें से अधिकतर टिकट को लेकर दून से लेकर दिल्ली तक लाबिंग में जुटे हैं। सभी दावेदार किसी ने किसी गुट विशेष से भी संबंध रखते हैं। इन जगहों पर इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि ऐन वक्त पर पार्टी बड़े नेताओं को यहां से मैदान में उतारे। चुनावी साल में भाजपा छोड़ आने वालों पर संभावनाएं तलाशी जाएंगी।