सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनलकर्मियों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन

राजकीय मेडिकल कॉलेज के डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में अक्सर उपनलकर्मियों को वेतन के लिए परेशान रहना पड़ता है। इस बार भी तीन महीने से वेतन नहीं मिला। उन्होंने प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा से वेतन शीघ्र जारी किए जाने की मांग की है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 01:14 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 01:14 PM (IST)
सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनलकर्मियों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन
सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनलकर्मियों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : राजकीय मेडिकल कॉलेज के डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में अक्सर उपनलकर्मियों को वेतन के लिए परेशान रहना पड़ता है। इस बार भी तीन महीने से वेतन नहीं मिला। उन्होंने प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा से वेतन शीघ्र जारी किए जाने की मांग की है। उपनलकर्मियों का कहना है कि वर्ष भर में दो से तीन बार ऐसा होता है, जब हमें तीन-चार महीने बाद वेतन मिलता है। कभी बजट का अभाव तो कभी कुछ और तर्क दे दिया जाता है। कर्मचारियों ने प्राचार्य से शीघ्र वेतन आहरित किए जाने की मांग की है।

जिनकी यही कमाई, उनके लिए ज्यादा मुसीबत

तमाम ऐसे उपनलकर्मी हैं, जिन्हें इसी वेतन पर निर्भर रहना पड़ता है। तीन महीने तक वेतन नहीं मिलने से किराए से लेकर कई तरह की दिक्कतें होने लगती है। कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की स्थिति से उधार मिलना भी मुश्किल हो जाता है।

सिटी मजिस्ट्रेट को याद दिलाया वादा

एसटीएच के उपनलकर्मियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर कहा है कि कोरोना संक्रमण से पहले हमने आंदोलन किया था। हमारी मांग थी कि वेतन बढ़ाया जाए। हमें नियमित किया जाए। हमने आपके आश्वासन पर आंदोलन खत्म किया, लेकिन तीन महीने बीत गए। अभी तक वादे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम 10 से 15 वर्ष से कार्यरत हैं। कोविड काल में पूरी ईमानदारी से काम किया। सरकार को हमारी मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

नर्स मोनिका नंद ने वीडियो के जरिये की अपील

एसटीएच में उपनल के जरिये लंबे समय से कार्यरत मोनिका नंद ने वीडियो जारी कर कहा है कि सीएम व सैनिक कल्याण मंत्री ने हमारी बात सुनी। नर्सिंग भर्ती परीक्षा को स्थगित किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा खत्म करना समाधान नहीं है। भर्ती की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए। लंबे समय से काम करने वाले अनुभवी लोगों को भर्ती में वरीयता मिलनी चाहिए। 10-12 साल से काम करने वाले अब अचानक कैसे परीक्षा पास करेंगे? इस बात को सभी को समझनी चाहिए।

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