यूजीसी मानकों को पूरा करने के लिए यूओयू को 90 फैकल्‍टी की जरूरत

दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में पूरे राज्य के लिए मिसाल कायम करने वाले उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के सामने यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के मानकों को पूरा करने की चुनौती खड़ी हो गई है। इसका सबसे प्रमुख कारण फैकेल्टी की कमी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 10:24 AM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 10:24 AM (IST)
यूजीसी मानकों को पूरा करने के लिए यूओयू को 90 फैकल्‍टी की जरूरत
यूजीसी मानकों को पूरा करने के लिए यूओयू को 90 फैकल्‍टी की जरूरत

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में पूरे राज्य के लिए मिसाल कायम करने वाले उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के सामने यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के मानकों को पूरा करने की चुनौती खड़ी हो गई है। इसका सबसे प्रमुख कारण फैकेल्टी की कमी है। यदि फैकेल्टी जल्द पूरी नहीं होती है तो 2022 के बाद कई पाठ्यक्रमों की मान्यता खतरे में पड़ सकती है।

यूओयू में वर्तमान में स्नातक-स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के 34 प्रोग्राम में 86 प्राध्यापक हैं, जबकि, यूजीसी के नियमानुसार स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रत्येक प्रोग्राम में पांच प्राध्यापक होने चाहिए, मगर आलम ये है कि आयुर्वेद, एमएसडब्ल्यू, वोकेशनल स्टडीज और बीएड विशिष्ट शिक्षा जैसे कई प्रोग्राम महज एक या दो प्राध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। यूओयू के अनुसार यूजीसी के मानक पूरा करने के लिए उसे करीब 170 प्राध्यापकों की जरूरत है। यानी कि अब भी 90 पदों का सृजन जरूरी है। प्रत्येक प्रोग्राम में एक एसोसिएट प्रोफेसर, तीन असिस्टेंट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर की नियुक्त होनी चाहिए। 

कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया कि यूजीसी के मानकों को पूरा करने के लिए अब भी 90 पदों के सृजन की जरूरत है। 2022 तक पाठ्यक्रमों को मान्यता है। इसके बाद अधूरी फैकेल्टी पाठ्यक्रमों की मान्यता के आड़े आ सकती है। पदों के सृजन को लेकर शासन को पत्र भेजा जा चुका है। 

पूर्व में भी मान्यता पर लटकी थी तलवार

नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ने सत्र 2018-19 में यूओयू के 80 में से 75 पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं दी थी। उस समय भी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में फैकेल्टी की कमी आड़े आ गई थी। नैक निरीक्षण के दौरान यूजीसी के मानकों के अनुसार फैकेल्टी आदि की सुविधा जांचती है।

नियुक्त करने होंगे एकेडमिक एसोसिएट 

यूओयू के विभिन्न पाठ्यक्रमों को 2022 तक की मान्यता प्राप्त है। नैक के अगले निरीक्षण तक यदि यूओयू को पर्याप्त फैकेल्टी नहीं मिलती है तो यूजीसी के मानक पूरा करने के लिए एकेडमिक एसोसिएट से ही काम चलाना पड़ेगा। लेकिन यूओयू का अगला लक्ष्य स्थायी फैकेल्टी की तरफ ही है।  

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