उत्तराखंड में पहली बार कुविवि में शुरू होगा दो वर्षीय क्रिमिनोलाजी कोर्स, जुलाई से डीएसबी में शुरू होगा एडमिशन
कुमाऊं विवि में अब छात्र अपराधियों के मनोविज्ञान की भी पढ़ाई करेंगे। मनोविज्ञान समझने के साथ ही उसके उपचार के तौर तरीके भी जानेंगे। इसके लिए यहां क्रिमिनोलाजी कोर्स शुरू किया जा रहा है। कुमाऊं विवि यह कोर्स शुरू करने वाला उत्तराखंड का पहला विवि है।
नैनीताल, किशोर जोशी : कुमाऊं विवि में अब छात्र अपराधियों के मनोविज्ञान की भी पढ़ाई करेंगे। मनोविज्ञान समझने के साथ ही उसके उपचार के तौर तरीके भी जानेंगे। इसके लिए यहां क्रिमिनोलाजी कोर्स शुरू किया जा रहा है। कुमाऊं विवि यह कोर्स शुरू करने वाला उत्तराखंड का पहला विवि है। कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बताया कि बायोमेडिकल साइंस फैकल्टी के अंतर्गत कोर्स डीएसबी परिसर में जुलाई से शुरू किया जा रहा है। दो साल के इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को एमएससी की डिग्री दी जाएगी।
दो साल की कवायद के बाद शुरू हो रहा कोर्स
आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोग किस मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर अपराध को अंजाम देते हैं, क्रिमिनोलाजी में इसी पर अध्ययन किया जाता है। बायो मेडिकल फैकल्टी के डीन प्रो. सतपाल सिंह बिष्टï के अनुसार, अपराधियों के इस मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को कैसे बदला जाए, यह तरीका कोर्स में शामिल किया गया है। कोर्स तैयार हो चुका है। बताया कि क्रिमिनोलाजी व फारेंसिक साइंस आज की जरूरत है। उत्तराखंड में अब तक किसी विश्वविद्यालय में यह कोर्स नहीं पढ़ाया जाता। कुमाऊं विवि में दो साल की कवायद के बाद यह व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू होगा।
गुजरात में है एक मात्र फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी
गुजरात में देश की इकलौती फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई गई हैं। अन्य राज्यों के सरकारी व प्राइवेट यूनिवर्सिटी में भी क्रिमिनोलाजी कोर्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
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