किशोर उम्र में ही नैनीताल के दो विद्यार्थियों ने रच दिया अंग्रेजी साहित्य

हल्द्वानी के दो उभरते हुए लेखक हॢषत त्रिपाठी एवं परिणिता कापरी अंग्रेजी साहित्य जगत में पदार्पण कर चुके हैं। जिसके लिए उन्हें सराहना मिल रही है। आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग के विद्यार्थियों ने अपनी शिक्षा जारी रखते हुए लेखन का कार्य भी कर डाला।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:12 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 03:12 PM (IST)
किशोर उम्र में ही नैनीताल के दो विद्यार्थियों ने रच दिया अंग्रेजी साहित्य
आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग के विद्यार्थियों ने अपनी शिक्षा जारी रखते हुए लेखन का कार्य भी कर डाला।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के दो विद्यार्थियों ने अंग्रेजी भाषा में साहित्य लेखन से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। किताबें प्रकाशित होने के बाद शिक्षक, छात्र व दोस्तों के शुभकामना संदेश मिलने से दोनों होनहार गदगद हैं। वह बड़े होकर व्यवसायिक लेखक बनना चाहते हैं।

हल्द्वानी के दो उभरते हुए लेखक हॢषत त्रिपाठी एवं परिणिता कापरी अंग्रेजी साहित्य जगत में पदार्पण कर चुके हैं। जिसके लिए उन्हें सराहना मिल रही है। आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग के विद्यार्थियों ने अपनी शिक्षा जारी रखते हुए लेखन का कार्य भी कर डाला। इस तरह दोनों प्रतिभाशाली विद्याॢथयों ने अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित करने का स्वप्न साकार कर दिखाया। दोनों की पुस्तक नोशन पब्लिकेशन ने प्रकाशित की है। जो कि पेपरबैक संस्करण में आनलाइन व आफलाइन खरीदी जा सकती है।

सबक सिखाती है इलेप्सड

इंटरमीडिएट के विद्यार्थी हर्षित त्रिपाठी ने इलेप्सड पुस्तक की रचना की है। हॢषत त्रिपाठी बताते हैं कि उनकी पुस्तक इलेप्सड एक किशोर की काल्पनिक कहानी है। जो अपने जीवन में की गई भूलों से सीखता है। हॢषत के पिता जेके त्रिपाठी एलआईसी में व मां सरोज त्रिपाठी लेखन से जुड़ी हैं। हॢषत ब्रिटिश लेखक रोल डॉल से प्रभावित हैं और लेखन को ही अपना व्यवसाय बनाना चाहते हैं। उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास पर काम करना शुरू कर दिया है।

अ परफेक्टली इंपरफेक्ट विजिट

परिणीता कापरी कक्षा 10वीं की छात्रा हैं। पूर्व सैनिक भगवान सिंह व पूनम कापरी की बेटी हर्षिता को लेखन की प्रेरणा रस्किन बॉन्ड से मिली। परिणीता की पुस्तक अ परफेक्टली इंपरफेक्ट विजिट उनकी स्मृति और कल्पना पर आधारित है। जिसके केंद्र में शहर एवं गांव की लड़की के अंतरद्वंद को दिखाया गया है। परिणिता के जीवन का लक्ष्य सफल डा. के साथ लेखिका बनना है।

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