रुद्रपुर में दो तस्कर गिरफ्तार, 17 किलो के पातल प्रजाति समेत आठ कछुए बरामद

रामपुर से कछुओं को बेचने दिनेशपुर आ रहे दो तस्करों को वन विभाग और दिनेशपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से 17 किलोग्राम का एक पातल प्रजाति का कछुआ और भारतीय मृद शल्क के सात कछुए बरामद किए।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 03:14 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:14 PM (IST)
रुद्रपुर में दो तस्कर गिरफ्तार, 17 किलो के पातल प्रजाति समेत आठ कछुए बरामद
रुद्रपुर में दो तस्कर गिरफ्तार, 17 किलो के पातल प्रजाति समेत आठ कछुए बरामद

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : रामपुर से कछुओं को बेचने दिनेशपुर आ रहे दो तस्करों को वन विभाग और दिनेशपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से 17 किलोग्राम का एक पातल प्रजाति का कछुआ और भारतीय मृद शल्क के सात कछुए बरामद किए। बाद में वन विभाग ने दोनों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। साथ ही दोनों तस्करों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रेंजर बीएस कैड़ा ने बताया कि शनिवार सुबह वन विभाग को सूचना मिली थी कि तस्कर कछुओं को बेचने के लिए दिनेशपुर की ओर ला रहे है। इस पर कार्रवाई करते हुए डिप्टी रेंजर प्रमोद त्रिपाठी, वन दरोगा शशि वर्धन अधिकारी, दिनेशपुर थाने में तैनात एसआई नवीन जोशी, वन आरक्षी भुवन मैनाली, कांस्टेबल चंदन और अशोक कुमार दिनेशपुर क्षेत्र के कंटोपा में पहुंचे। जहां गदरपुर की ओर से बाइक सवार दो युवक वन कर्मियों और पुलिस को देख भागने लगे। यह देख टीम ने उनका पीछा कर दबोच लिया।

इस दौरान उनके पास से टीम को 17 किलोग्राम का पातल प्रजाति का एक बड़ा कछुआ बरामद किया। जबकि भारतीय मृद शल्क के सात कछुए बरामद हुए। टीम ने कछुओं के साथ ही दोनों तस्करों को हिरासत में लिया और रुद्रपुर कार्यालय ले आए। रेंजर बीएस कैड़ा ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए तस्करों ने अपना नाम भोट, स्वार, रामपुर निवासी विशाल पुत्र सतपाल और पवन कुमार पुत्र मुकेश कुमार बताया। बाद में वन विभाग ने दोनों तस्करों के खिलाफ वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया, साथ ही उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।

बड़े जलाशयों में पाया जाता है पातल प्रजाति का कछुआ

डिप्टी रेंजर प्रमोद त्रिपाठी ने बताया कि तस्करों से आठ कछुए बरामद किए गए हैं। इनमें से एक 17 किलो

का है। सभी कछुओं को कोर्ट के आदेश के बाद गूलरभोज स्थित हरिपुरा जलाशय में छोड़ा जाएगा। बताया कि पातल प्रजाति का कछुआ बड़े जलाशयों में पाया जाता है। अधिकांश यह जलाशयों और आसपास बड़े पत्थरों में छिपा रहता है। भोजन करते समय ही बाहर आता है।

नदियों और जलाशयों से पकड़कर लाए थे कछुआ

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ में विशाल और पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने कछुए नदियों और जलाशयों से पकड़ा था। जिसके बाद वह कछुओं को बेचने के लिए दिनेशपुर जा रहे थे। इसी बीच वन विभाग ने उन्हें पकड़ लिया।

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