मानव-वन्‍यजीव संघर्ष रोकने और वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए उत्‍तराखंड में दो नए अभयारण्य बनाए जाएंगे

उत्तराखंड वन विभाग राज्य में दो नए वन्यजीव सर्किल बनाने की तैयारी में है। कुमाऊं में प्रस्तावित वन्यजीव सर्किल में हल्द्वानी के नंधौर सेंचुरी तथा पिथौरागढ़ जिले का अस्कोट अभयारण्य का क्षेत्र शामिल होगा। नया सर्किल मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों पर कमी लाने को योजनाएं बनाने में अहम होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:50 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:50 AM (IST)
मानव-वन्‍यजीव संघर्ष रोकने और वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए उत्‍तराखंड में दो नए अभयारण्य बनाए जाएंगे
मानव-वन्‍यजीव संघर्ष रोकने और वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए उत्‍तराखंड में दो नए अभयारण्य बनाए जाएंगे

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उत्तराखंड वन विभाग राज्य में दो नए वन्यजीव सर्किल बनाने की तैयारी में है। कुमाऊं में प्रस्तावित वन्यजीव सर्किल में हल्द्वानी के नंधौर सेंचुरी तथा पिथौरागढ़ जिले का अस्कोट अभयारण्य का क्षेत्र शामिल होगा। नया सर्किल मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों पर कमी लाने के लिए योजनाएं बनाने में अहम होगा। साथ ही मुआवजे के अलावा हिंसक वन्यजीव को आदमखोर घोषित करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के अलावा वन्यजीव संरक्षण की दिशा में कारगर नीति बनाने की दिशा में कारगर होगा।

राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष के साथ ही वन्यजीवों के शिकार के मामले बढ़ रहे हैं। इससे वन विभाग को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं से विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को पब्लिक के आक्रोश का सामना करना पड़ता है जबकि वन्य जीवों के शिकार पर पर्यावरण प्रेमियों व संगठनों के निशाने पर विभाग ही आ जाता है। राज्य में बाघ, गुलदार, हिमालयन भालू, सुअर आदि के हमलों की बढ़ती घटनाओं बाद पैदा हो रही विपरीत परिस्थितियों ने वन विभाग को नए सिरे से सोचने को विवश किया है।

इसी के तहत अब कुमाऊं व गढ़वाल में दो वन्यजीव सर्किल प्रभाग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कुमाऊं में अस्कोट अभयारण्य व नंधौर सेंचुरी क्षेत्र जबकि गढ़वाल में गोविंद पशु विहार व गंगोत्री राष्‍ट्रीय उद्यान को मिलाकर नया वन्यजीव सर्किल बनाने का प्रस्ताव वन विभाग के पुनर्गठन में प्रमुखता से शामिल किया गया है।

वन्य जीव अभ्याण्य में यह प्रभाग होंगे शामिल

पिथौरागढ़, डीडीहाट, बैगनाथ, मुनस्यारी, धारचूला, नंधौर अभयारण्य को पृथक करते हुए बरहौन, चकराता, नंधौर, डांडा व जौलासाल क्षेत्र शामिल होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार नए सर्किल में जो वन प्रभाग शामिल होंगे, उनके पदों का समायोजन किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डा. तेजस्विनी अरविंद पाटिल ने बताया कि अभयारण्य समेत कई अन्य प्रस्तावों पर मुख्यालय स्तर पर मंथन चल रहा है। बेहतर क्रियान्वयन के साथ ही जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा।

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