सील ओटी को खुलवाने के लिए दो चिकित्साधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप

अस्पताल संचालक की तरफ से मंगलवार को डीएम रंजना राजगुरु से मिलकर जिले के दो चिकित्साधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। जिसमें कहा गया कि अस्पताल की सील खुलवाने को लेकर दो चिकित्साधिकारियों की ओर से एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 07:56 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:56 PM (IST)
सील ओटी को खुलवाने के लिए दो चिकित्साधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप
डीएम रंजना राजगुरु ने आश्वस्त किया कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर अवश्य उचित कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : नानकमत्ता स्थित निजी अस्पताल गुरु रामदास के संचालक की तरफ से दो चिकित्साधिकारियों पर एक लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। संचालक ने डीएम को प्रार्थनापत्र देकर पूरे मामले की जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।

नानकमत्ता स्थित गुरु रामदास अस्पताल में बीती पांच फरवरी को एसीएमओ व उनकी टीम ने छापामारी कर आपरेशन थियेटर सील कर दिया था। इस दौरान अस्पताल मेें कार्यरत डाक्टर व एनस्थेटिक्स के बारे में जानकारी ली गई तो मौके पर काई जानकारी देने वाला नहीं था। खुद संचालक डा. कश्मीर सिंह भी मौके पर नहीं मिले। इधर, अस्पताल संचालक की तरफ से मंगलवार को डीएम रंजना राजगुरु से मिलकर जिले के दो चिकित्साधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। जिसमें कहा गया कि अस्पताल की सील खुलवाने को लेकर दो चिकित्साधिकारियों की ओर से एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई। जब उन्होंने यह रकम देने से इंकार कर दिया और इसकी शिकायत विजिलेंस देहरादून व विजिलेंस हल्द्वानी कार्यालय से करने की चेतावनी दी गई।

अस्पताल संचालक ने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में आरोपित दोनों चिकित्साधिकारियों की तैनाती जब से जिले में हुई है तब से कई छोटे अस्पतालों व पैथोलाजी संचालकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है और उनके प्रतिष्ठानों को सील करने का सिलसिला चल रहा है।

इधर, डीएम रंजना राजगुरु ने आश्वस्त किया कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर अवश्य उचित कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले में जब दोनों चिकित्साधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि अस्पताल संचालक के आरोप बेबुनियाद हैं। अस्पताल संचालन को लेकर जो नियम हैं उनका पालन नहीं किया जा रहा था तभी निजी अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई। उल्टा संचालक की तरफ से राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। रिश्वत मांगने की बात निराधार है, दवाब डालने को लेकर संचालक पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। 

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