Butterfly Festival Ramnagar : पंगोट में पहली बार मिली दुर्लभ प्रजाति की दो तितलियां

Butterfly Festival Ramnagar रामनगर में आयोजित तितली महोत्‍सव के चौथे दिन पंगोट में कार्यक्रम आयोजित किए गए। क्षेत्र में पहली बार दो दुर्लभ प्रजातियों की तितली भी रिकार्ड की गईं। दिल्ली विश्वविद्यालय के रोहन बहल ने स्ट्रीएटेट सटायर और सोहेल मदान ने टाइगर ब्राउन को कैमरे में कैद किया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 08:31 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:31 AM (IST)
Butterfly Festival Ramnagar : पंगोट में पहली बार मिली दुर्लभ प्रजाति की दो तितलियां
Butterfly Festival Ramnagar : पंगोट में पहली बार मिली दुर्लभ प्रजाति की दो तितलियां

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Butterfly Festival Ramnagar : रामनगर में आयोजित तितली महोत्‍सव के चौथे दिन पंगोट में कार्यक्रम आयोजित किए गए। क्षेत्र में पहली बार दो दुर्लभ प्रजातियों की तितली भी रिकार्ड की गईं। दिल्ली विश्वविद्यालय के रोहन बहल ने स्ट्रीएटेट सटायर और सोहेल मदान ने टाइगर ब्राउन को कैमरे में कैद किया। बीएनएचएस के तितली विशेषज्ञ सोहेल मदान ने बताया कि ये दोनों प्रजातिया उच्च हिमालयी क्षेत्र में ही पाई जाती हैं।

सोमवार को नैना देवी बर्ड रिजर्व क्षेत्र में पंगोट स्थित एक रिजार्ट में आयोजित बटरफ्लाई वॉक में विशेषज्ञों ने दो दर्जन से अधिक प्रजातियों की तितलियों को कैमरे में कैद किया। इस दौरान दुर्लभ प्रजाति की दो तितलियां स्ट्रीएटेट सटायर और टाइगर ब्राउन क्षेत्र में पहली बार रिकार्ड की गई।

दिल्ली विश्वविद्यालय के रोहन बहल ने स्ट्रीएटेट सटायर और सोहेल मदान ने टाइगर ब्राउन को कैमरे में कैद किया। बीएनएचएस के तितली विशेषज्ञ सोहेल मदान ने बताया कि ये दोनों प्रजातिया उच्च हिमालयी क्षेत्र में ही पाई जाती हैं। उत्तराखंड के अलावा हिमाचल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में पहले इन प्रजातियों को रिकार्ड किया गया है। दोनों प्रजातिया अगस्त से सितंबर तक ही दिखाई देती हैं।

तितलियों की पारिस्थितिकी बचाने पर चर्चा

बटरफ्लाई वॉक के दौरान विशेषज्ञों ने तितलियों के संसार पर विशेष जानकारी साझा की। साथ ही सीड बॉबिंग के साथ ही तितलियों के नेक्टर और होस्ट प्लांट का रोपण भी किया। पद्मश्री अनूप साह ने बताया कि रसायनों के छिड़काव से तितलियों की संख्या कम होती जा रही है, जिसका सीधा असर खाद्य श्रृंखला पर भी देखने को मिल रहा है। तितलियों की संख्या गिरने से पक्षी भी अन्यत्र पलायन करने लगे हैं। सौरभ भट्टाचार्य ने बताया कि तितलियां जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा चेतावनी सूचक हैं। कई प्रजातियां ऐसी हैं, जो निश्चित तापमान पर ही अंडे से लार्वा बना पाती है। जलवायु परिवर्तन और वनाग्नि से तितलियों की पारिस्थितिकी प्रभावित हो रही है। इस दौरान मनीष कुमार, शिवम शर्मा, ललित जोशी, गौरव खुल्बे, गीता, अभिषेक गुलशन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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