Earthquake Today in Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व बागेश्वर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 4.0 थी तीव्रता

Earthquake Today in Uttarakhand कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले के कई इलाकों में शाम 4.38 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता चार मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र नेपाल है। यह जमीन की सतह से 40 किमी गहराई पर था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 05:37 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 10:46 PM (IST)
Earthquake Today in Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व बागेश्वर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 4.0 थी तीव्रता
फिलहाल किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

जागरण टीम, पिथौरागढ़/बागेश्वर : Earthquake Today in Uttarakhand प्रदेश के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले के कई इलाकों में शाम 4.38 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता चार मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। यह जमीन की सतह से 40 किमी गहराई पर था। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी सहित तल्ला जोहार, डीडीहाट अस्कोट, थल, पांगला व जौलजीबी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसके साथ ही रामगंगा नदी घाटी के मुवानी तक लोग भूकंप के डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।

वहीं बागेश्वर के कपकोट में कई क्षेत्रों भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सामा, गोगिना, समडर आदि इलाकों में लोग सहम गए। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि फिलहाल किसी नुकसान की सूचना नहीं है। जिले से जानकारी जुटाई जा रही है।

आज ही के दिन 12 फरवरी को हिल गया था उत्तर भारत

पिछले शुक्रवार 12 फरवरी को भी उत्तर भारत में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए थे। रात 10 बजकर 34 मिनट पर ताजिकिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे पूरा उत्तर भारत हिल गया था। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा था। इसके झटके उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के कई जिलों में महसूस की गई थी। रात में डर कर लोग घरों से बाहर निकल आए थे। वहीं ठीक एक सप्ताह बाद शुक्रवार को दोबारा झटकों से लोग दहशत में हैं। हालांकि पिथौरागढ़ व बागेश्वर में अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं आई है।

चमोली आपदा का अभी भी है खौफ

इसी महीने रविवार सात फरवरी को सुबह करीब दस बजे को चमोली में ग्लेशियर टूटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई थी। नदी का प्रलयकारी तेज बहाव ऋषि गंगा तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध को तोड़ते हुए आगे निकल गया। इससे सैकड़ों जान चली गईं। सुरंग में अभी भी रेस्क्यू कार्य जारी है। घटना को आज 13 दिन हो चुके हैं। अब तक टनल से 62 शव मिल चुके हैं, जबकि 142 लापता बताए जा रहे हैं। इतने दिन बाद भी आज जलप्रलय को सोचकर लोग सिहर उठते हैं। चमोली आपदा के बाद से लगातार दो हफ्ते से भूकंप ने लोगों को और डरा दिया है।

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