10 सीनियर डाक्टरों का ट्रांसफर, पहले से ही 31 फीसद डाक्टरों की कमी झेल रहा सुशीला तिवारी अस्‍पताल

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से 10 सीनियर डाक्टरों का अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे कॉलेज से लेकर डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की मुसीबत और बढ़ जाएंगी। क्योंकि पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के आधार पर 31 फीसद डाक्टरों की कमी चल रही थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 07:36 AM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 07:36 AM (IST)
10 सीनियर डाक्टरों का ट्रांसफर, पहले से ही 31 फीसद डाक्टरों की कमी झेल रहा सुशीला तिवारी अस्‍पताल
10 सीनियर डाक्टरों का ट्रांसफर, पहले से ही 31 फीसद डाक्टरों की कमी झेल रहा सुशीला तिवारी अस्‍पताल

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से 10 सीनियर डाक्टरों का अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे कॉलेज से लेकर डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की मुसीबत और बढ़ जाएंगी। क्योंकि पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के आधार पर 31 फीसद डाक्टरों की कमी चल रही थी। अब यह कमी 40 फीसद से ज्यादा हो जाएगी। इसकी वजह से पूरी व्यवस्था प्रभावित होने के आसार हैं। डायलिसिस की सुविधा से लेकर इंडोस्कोपी की सुविधा भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।

एमएस बनाए गए डा. सक्सेना भी भेजे गए अल्मोड़ा

दो सप्ताह पहले ही प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. एसआर सक्सेना को एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक पद की जिम्मेदारी भी दी थी। अब उन्हें भी अल्मोड़ा भेज दिया गया है। एक बार फिर नए एमएस का चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

इन डाक्टरों का हुआ ट्रांसफर

जनरल मेडिसिन विभाग से प्रोफेसर डा. एसआर सक्सेना, एसोसिएट प्रोफेसर डा. मकरंद, डा. अशोक कुमार, एनेस्थीसिया विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आदित्य चौहान, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. श्वेता, फिजियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रवीण भारद्वाज, पैथोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अंकित कौशिक, टीबी व चेस्ट विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. डीसी पुनेरा, सर्जरी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मालविका सवई का ट्रांसफर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए हुआ है।

पहले 13 डाक्टर भेजे थे

शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से 13 सितंबर 2020 को नौ डाक्टरों को अल्मोड़ा भेजा था। इनमें दो डाक्टर छोड़ चुके हैं। इसके बाद 10 नवंबर 2020 को चार और डाक्टरों को अल्मोड़ा भेजा गया। इधर, प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी का कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग शासन की प्रक्रिया है। फिर भी मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

डाक्टरों की कमी से इलाज व पढ़ाई होगी प्रभावित

कुमाऊं भर से रेफर होकर मरीज एसटीएच पहुंचते हैं। यहां पर डाक्टरों की लगातार कमी बनी हुई थी। अब और डाक्टर कम कर दिए गए हैं। इसकी वजह से जहां इलाज प्रभावित होगा। वहीं मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा।

पीजी की सीटें फिर हो जाएंगी कम

हल्द्वानी राज्य का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज है। जहां अब तक 100 से अधिक एमडी व एमएस की सीटें हो जानी चाहिए थी। अब घटकर 65 रह गई हैं। इस बार एनएमसी का निरीक्षण होता है तो 40 फीसद डाक्टरों की कमी की वजह से महत्वपूर्ण विभागों में एमडी व एमएस की 12 सीटें और कम हो सकती हैं। इस पर किसी का ध्यान नहीं है।

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