नैनीताल जू में आज से पर्यटक कर सकेंगे शिखा का दीदार, बढ़ी बाघों की संख्या

चिड़ियाघर पहुंचने वाले पर्यटक अब दो वर्षीय बाघिन शिखा का भी दीदार कर पाएंगे। चीफ वाइल्डलाइफ देहरादून से शिखा को डिस्प्ले में रखने की अनुमति मिलने के बाद रविवार से शिखा को डिस्प्ले के लिए रख दिया गया है। शिखा जू में लायी गयी सबसे कम उम्र की बाघिन है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 02:36 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 02:36 PM (IST)
नैनीताल जू में आज से पर्यटक कर सकेंगे शिखा का दीदार, बढ़ी बाघों की संख्या
नैनीताल जू में आज से पर्यटक कर सकेंगे शिखा का दीदार, बढ़ी बाघों की संख्या

नैनीताल, जेएनएन : चिड़ियाघर पहुंचने वाले पर्यटक अब दो वर्षीय बाघिन शिखा का भी दीदार कर पाएंगे। चीफ वाइल्डलाइफ देहरादून से  शिखा को डिस्प्ले में रखने की अनुमति मिलने के बाद रविवार से शिखा को डिस्प्ले के लिए रख दिया गया है। शिखा जू में लायी गयी सबसे कम उम्र की बाघिन है। वहीं उसके पहुँचने के बाद जू में बंगाल टाइगरों की संख्या पाँच पहुँच गयी है।

बता दें कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व पांच माह की शिखा को किशनपुर रेंज से रेस्क्यू कर रानीबाग लाया गया था। जिसके बाद रेस्क्यू सेंटर में ही उसकी देखरेख की जा रही थी। शिखा जब दो वर्ष की हुई तो रेस्क्यू सेंटर में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण 10 अक्टूबर को उसे नैनीताल चिड़ियाघर शिफ्ट कर दिया गया। जहां उसे क्वारनटाइन में रखा गया था। साथ ही उसे डिस्प्ले में रखने के लिए चीफ वाइल्डलाइफ देहरादून से अनुमति मांगी गई थी। जू क्षेत्राधिकारी अजय रावत ने बताया कि अनुमति मिलने के बाद शिखा को डिस्प्ले के लिए रख दिया गया है। जू में अब बाघों की संख्या पांच पहुँच गयी है।

किशनपुर रेंज से रेस्क्यू की गई थी बाघिन 

तराई के जंगल में स्थित किशनपुर रेंज से डेढ़ साल पहले बाघिन के एक शावक को रेस्क्यू कर रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाया गया था। तब शावक की उम्र पांच माह थी। सेंटर के स्टाफ ने उसे नाम दिया शिखा। चिकित्सक और कर्मचारियों के शिखा कहने पर वह तुरंत दौड़ने लगती थी। करीब ड़ेढ साल तक शिखा को यहां बाड़े में रखा गया। जिसके बाद शनिवार को पिंजड़े में डाल उसे नैनीताल चिड़ियाघर भेज दिया गया। जू के डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी ने बताया कि जू में लाए गए किसी भी वन्यजीव को तुरंत उस बाड़े में नहीं रखा जाता। जहां से पर्यटक उसका दीदार कर सकें। इसलिए उसे क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया। 

सात गुलदार व तीन बाघ इस समय जू में नैनीताल 

डिप्टी रेंजर दीपक के मुताबिक सात गुलदार व तीन बाघ इस समय नैनीताल चिडि़याघर की शोभा बढ़ा रहे हैं। आठ माह पूर्व एक 14 साल के बाघ को रामनगर काॅर्बेट से रेस्क्यू कर लाया गया था। इस बूढ़े बाघ को अब भी अन्य वन्यजीवों व पर्यटकों की नजर से अलग रखा गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की परमिशन नहीं मिलने व अन्य वजहों से अभी क्वारंटाइन पीरियड ही चल रहा है। अब रानीबाग में सिर्फ एक बूढ़ा गुलदार बचा है। जिसकी एक आंख खराब होने की वजह से वह बाड़े में अक्सर आक्रामक मूड में रहता है। 

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