पर्यटकों ने बताया, आपदा के दौरान दहशत में कैसे कटी दिन और रातेें, खबरें पढ़ें

हम सोमवार को नैनीताल से एक बस तीन टेंपो ट्रेवलर और तीन छोटे वाहनों से भवाली मार्ग से कौसानी के लिए निकले थे। मौसम विभाग का अलर्ट तो था। लेकिन नैनीताल से लेकर भवाली तक किसी ने हमे नहीं रोका। अगर कोई रोकता तो हम बिल्कुल नहीं जाते।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:17 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:58 PM (IST)
पर्यटकों ने बताया, आपदा के दौरान दहशत में कैसे कटी दिन और रातेें, खबरें पढ़ें
पर्यटकों ने बताया, आपदा के दौरान दहशत में कैसे गुजरे दिन और रात, खबरें पढ़ें

किशोर जोशी, नैनीताल : हम सोमवार को नैनीताल से एक बस, तीन टेंपो ट्रेवलर और तीन छोटे वाहनों से भवाली मार्ग से कौसानी के लिए निकले थे। मौसम विभाग का अलर्ट तो था। लेकिन नैनीताल से लेकर भवाली तक किसी ने हमे नहीं रोका। अगर कोई रोकता तो हम बिल्कुल नहीं जाते। हम जैसे ही कैंची धाम के समीप पहुंचे तो तेज बारिश शुरू हो गई। जीवन में पहली बार मौसम का यह रूप देखा। सभी ने भगवान का नाम लिया। शुक्र है हमारे पास भोजन सामग्री थी। दो दिन तक गाड़ी में बैठे रहे। खिचड़ी खाई। इस बीच हमें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली। भगवान का शुक्र है, सब सुरक्षित हैं। बुधवार को तीसरे दिन कोलकाता में किसी तरह से स्वजनों से संपर्क हो सका।

कोलकाता के हावड़ा निवासी ग्रुप लीडर ओप्पू नवनी के नेतृत्व में बंगाल के 66 पर्यटकों का दल कुमाऊं की सैर पर आया है। दल में करीब 28 महिलाएं व किशोर भी शामिल हैं। अधिकतर पर्यटक बिजनेसमैन व सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। दल में शामिल दलीप गोल्यू, प्रोसन्नजीत, मंजू, दीपक चंद्रा समेत अन्य लोगों ने बारिश में फंसने के दौरान अनुभव साझा किए। ओप्पू के अनुसार जैसे ही कैंची बाजार से आगे पहुंचे तो तेज बारिश शुरू हो गई और सड़क बंद हो गईं। आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति पैदा हो गई। महिलाएं घबराने लगीं। रात होने के साथ ही बारिश भी बढ़ती गई। पूरी रात गाड़ी में ही बैठे रहे। अगले दिन थोड़ी-थोड़ी खिचड़ी खाकर समय गुजारा। गाड़ी में सभी भजन गाते रहे।

बमुश्किल मिला पानी तब प्यास बुझाई

ग्रुप में शामिल मंजू बोलीं कि जब तेज बारिश के दौरान बोल्डर गिर रहे थे तो मैंने भगवान से प्रार्थना की। मन काफी डरा था। लगा कि घर नहीं लौट पाऊंगी। इस बीच एक परिवार ने शौचालय की सुविधा दी जबकि पुरुष जंगल गए। बुधवार सुबह पानी के लिए एक किलोमीटर दूर एक दुकान मिली, तब जाकर गुु्रप के सदस्यों ने प्यास बुझाई। बुधवार को नैनीताल में माल रोड स्थित होटल मैनेजर सज्जन साह व रवि कुमार से संपर्क हो गया तो नैनीताल आ गए। अब शनिवार को वापसी का कार्यक्रम है।

पानी बस तक पहुंचा तो सभी सहम गए

महाराष्ट्र के नासिक से 27 पर्यटकों का दल 17 अक्टूबर को नैनीताल आया था। अगले दिन वापसी थी। शाम को डांठ पर बस का इंतजार कर रहे थे कि एकाएक झील का पानी बढ़कर बस स्टेशन तक पहुंच गया। किसी तरह पर्यटक दल ने बस में शरण ली। मगर आधे घंटे बाद बस के भीतर पानी भरने से जान खतरे में आ गई। इसके बाद महाराष्ट्र के आयुक्त सूरज मांडरे से संपर्क साधा तो कुछ देर बाद नैनीताल पुलिस मदद को पहुंची और होटल का इंतजाम किया। उधर, नेपाल धनगढ़ी के पर्यटक खगींद्र राज प्रजापति के अनुसार वह परिवार के साथ नैनीताल आए। अगले दिन बारिश हुई। तो यहीं फंस गए। होटल के लिए पर्याप्त बजट नहीं था तो धर्मशाला में शरण ली।

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