नैनीताल में पर्यटकों की आमद घटने से बेरोजगार हुए टूरिस्ट गाइड, लूडो व मोबाइल में गेम खेल कर काट रहे समय
कोविड के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली एनसीआर उत्तर प्रदेश के शहरों में लगाई गई सख्त पाबंदियों के बाद से गाइडों का काम ठप पड़ गया है। इस वीकेंड पर पर्यटकों की आमद देखने के बाद वह गांव लौटने की तैयारी में जुट गए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : सरोवरनगरी में पर्यटकों की आमद कम होने से आर्थिक तौर पर निचले तबके पर सर्वाधिक मार पड़ी है। खासकर पर्यटकों को होटलों की खासियत, सुविधाएं बताने के साथ ही उन्हें होटल में एंट्री के बाद कमीशन से गुजर बसर करने वाले गाइड करीब करीब बेरोजगार हो गए हैं। पहले से उनके धंधे पर दूसरों के कूद पड़ने से मार पड़ी थी, अब कोविड के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश के शहरों में लगाई गई सख्त पाबंदियों के बाद से उनका काम ठप पड़ गया है। इस वीकेंड पर पर्यटकों की आमद देखने के बाद वह गांव लौटने की तैयारी में जुट गए हैं।
शहर में नैनीताल के आसपास के गांवों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर के करीब सौ से अधिक लोग गाइडिंग करते हैं। इसमें से करीब 30 प्रतिशत गाइड होटलों के अधिकृत हैं। उन्हें होटल मालिक वेतन देते हैं। जबकि अन्य बुकिंग पर प्रति कमरा करीब 20 प्रतिशत तक कमीशन उसी समय लेते हैं। यही उनकी कमाई का एकमात्र जरिया है। होटलों में कमरे नहीं लग रहे, इसलिए उनके गाइडों की नौकरी पर संकट आ गया तो अनधिकृत गाइड पिछले एक पखवाड़े से बेरोजगार घूम रहे हैं।
आलम यह है कि पर्यटक दिखने पर गाइड दौड़ पड़ते हैं। काम नहीं मिलने की वजह से वह खाली हाथ बैठे हैं। माल रोड समेत अन्य स्थानों पर गाइड मोबाइल में लूडो खेलकर समय पास कर रहे हैं। गाइड यूनियन के अध्यक्ष चंदन सिंह, गोधन प्रसाद आदि का कहना है कोरोना ने उनके सामने कठिन हालात पैदा कर दिए हैं। सरकार ने पिछले साल लॉकडाउन में भी उनकी कोई मदद नहीं की, अब भी उम्मीद कम है। यही हाल रहा तो गाइडों के पास गांव लौटने से अलावा विकल्प नहीं होगा।
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