नैनीताल में गायब हुई बिल्‍ली की तलाश में बेंगलुरु के पर्यटक दंपती ने खर्च कर दिए दो लाख, रोचक है किस्‍सा

अपनो की तलाश में लाखों खर्च करने के मामले तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन क्या आपने किसी जानवर की तलाश में लोगों को मीलों का सफर तय करते देखा है! बेंगलुरु से घूमने के लिए नैनीताल आए पर्यटकों से जुड़ा एक ऐसा ही अनूठा मामला सामने आया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 08:25 AM (IST)
नैनीताल में गायब हुई बिल्‍ली की तलाश में बेंगलुरु के पर्यटक दंपती ने खर्च कर दिए दो लाख, रोचक है किस्‍सा
नैनीताल में गायब हुई बिल्‍ली की तलाश में बेंगलुरु पर्यटक दंपती ने खर्च कर दिए दो लाख, रोचक है किस्‍सा

नैनीताल, जागरण संवादरदाता : अपनो की तलाश में लाखों खर्च करने के मामले तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन क्या आपने किसी जानवर की तलाश में लोगों को मीलों का सफर तय करते देखा है! बेंगलुरु से घूमने के लिए नैनीताल आए पर्यटकों से जुड़ा एक ऐसा ही अनूठा मामला सामने आया है। करीब चार माह पहले गुम हुई पालतू बिल्ली का मोह पर्यटकों को दोबारा नैनीताल खींच लाया। बिल्ली की तलाश में पर्यटकों ने करीब दो लाख रुपये खर्च कर दिए। 

जानकारी के मुताबिक एसआरएच लेआउट बेंगलुरू निवासी हर्ष कपूर अपनी पत्नी भव्या कपूर के साथ बीते एक अक्टूबर को घूमने के लिए नैनीताल आए हुए थे। अपने साथ वह अपनी दो पालतू बिल्लियों लियो और कोको को भी लाए थे। यहां पर हल्द्वानी रोड सूर्यजाला स्थित बलौट रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे। तीन अक्टूबर को चेक आउट करने से ठीक पहले उनकी एक पालतू बिल्ली कोको अचानक गायब हो गई। जो कि काफी तलाशने के बाद भी नहीं मिली, जिसके बाद कपूर दंपति ने बिल्ली को तलाशते हुए और चार दिन की बुकिंग बढ़ा ली। 

इस दौरान गांव और समीपवर्ती जंगल में काफी तलाशने के बाद भी जब बिल्ली नहीं मिली तो वह निराश वापस लौट गए। वापस लौटने के बाद भी वह ग्रामीणों के संपर्क में रहे। रिजॉर्ट स्वामी विकास किरौला ने बताया कि बीते दिनों ग्रामीण युवक गोविंद कुमार को गाँव के समीप बिल्ली दिखाई दी। जिसकी जानकारी उन्होंने तुरंत हर्ष कपूर को दी। सूचना पाते ही वह बीते 24 जनवरी को फ्लाइट पकड़कर सीधा उनके रिजॉर्ट आ पहुँचे। मगर बिल्ली की तलाश में फिर उन्हें और ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। 

बुधवार सुबह एक बार फिर ग्रामीणों ने बिल्ली को गांव के ही एक पुराने भवन के अंदर देखा। जहां आखिरकार लोग बिल्ली को पकड़ने में सफल हो गए। हर्ष ने बताया कि चार वर्ष पूर्व दोनों ही बिल्लियों ने उनके घर पर ही जन्म लिया था। जिस कारण उनसे पारिवारिक सदस्य की तरह लगाव हो गया था। बिल्ली की तलाश में फ्लाइट, टैक्सी, होटल और खाने में करीब दो लाख रुपये अधिक खर्च हो गया। कोको को पाकर हर्ष और उनकी पत्नी बंगलुरू को रवाना हो गए। उन्होंने ग्रामीणों के साथ ही रिजॉर्ट स्वामी और कर्मचारियों का आभार जताया है।

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