आज है साल का सबसे बड़ा दिन, उत्तरी गोलार्द्ध में अब बढ़ने लगेगा रात का समय

आज का दिन रात की तुलना में करीब चार घंटे बड़ा होगा। एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडेय के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष में घूमने व अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुके होने के कारण धरती पर दिन व रात व अवधि में परिवर्तन आता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 02:34 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 02:34 PM (IST)
आज है साल का सबसे बड़ा दिन, उत्तरी गोलार्द्ध में अब बढ़ने लगेगा रात का समय
आज है साल का सबसे बड़ा दिन, उत्तरी गोलार्द्ध में अब बड़ने लगेगा रात का समय

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कभी के दिन बड़े तो कभी की रातें। दिन और रात समय का अद्भुत चक्र है । सोमवार का दिन इस वर्ष का सबसे लम्बा दिन होने जा रहा है । आज का दिन रात की तुलना में करीब चार घंटे बड़ा होगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडेय के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष में घूमने व अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुके होने के कारण धरती पर दिन व रात व अवधि में परिवर्तन आता है। 21 जून का दिन इस वर्ष का सबसे बड़ा दिन होगा। जिसमें दिन करीब 15 से 16 घंटे का रहेगा और रात इस वर्ष की सबसे छोटी होगी। इसके बाद रात की अवधी लम्बी होनी शुरू हो जाएगी और समय का ये चक्र दिसम्बर की 21- 22 तक जारी रहेगा। इसी दिन रात साल की सबसे लंबी रात होती है।

इस बीच एक समय ऐसा भी आएगा जब जब दिन व रात की अवधि बराबर होगी। ये समय सितम्बर 21-22 का होगा। इस दिन 12 घंटे का दिन व 12 घन्टे की रात होगी। इसी तरह मार्च 21 को भी दिन व रात का समय बराबर होता है। अब इसकी तुलना दक्षिणी गोलार्द्ध से करें तो वंहा उत्तरी गोलार्द्ध के विपरित होगा। यंहा दिन लम्बे होने के साथ गर्मी पड़ रही है, जबकि वंहा दिन छोटे और सर्दी पड़ रही होगी।

कभी-कभी 22 जून को सबसे बड़ा दिन

खगोल शास्त्रियों का मानना है कि सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 14 घंटे तक पड़ती हैं, जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून को भी बड़ा दिन होता है। 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था। अब ऐसा 2203 में होगा।

इस कारण दिन होते हैं छोटे बड़े

दिन के छोटे-बड़े होने का कारण है धरती का झुका हुआ होना। दरअसल, धरती ही नहीं बल्कि, सोलर सिस्टम का हर ग्रह अलग-अलग एंगल पर झुका हुआ है। पृथ्वी भी अपने एक्सिस पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। अपनी धुरी पर चक्कर लगाने के कारण एक जगह पर पड़ने वाली सूरज की किरणों का समय साल के अलग-अलग दिन अलग होता है।

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