Chardham Yatra 2021: सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर रोक बरकरार
Chardham Yatra 2021 सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर जो एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेश की है उसमें अभी तक सुनवाई नही है लिहाजा चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ाया जाए। सरकार की सहमति पर यात्रा पर रोक के आदेश को कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Chardham Yatra 2021: उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर रोक को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक आगे बढ़ा दिया है। साथ ही कोर्ट ने सरकारी हॉस्पिटलों में खाली पड़े पदों को भरने, एंबुलेंस की उपलब्धता, वैक्सीनेशन सेंटरों की स्थिति, दिव्यांगजन के लिए विशेष व्यवस्था करने, कोरोना से अब तक मौत तथा डेल्टा वेरिएंट से निपटने के लिए तैयारी के संबंध में सवाल पूछते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल सहित अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर जो एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेश की है, उसमें अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। लिहाजा चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ाया जाए। इस पर सरकार की सहमति पर चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि प्रदेश में 95 ब्लॉक हैं, इन ब्लाकों में 108 आपातकालीन सेवा की 54 एम्बुलेंस हैं और अभी 41 एंबुलेंस की और आवश्यकता है। इसकी मांग स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजी गई है। इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइपेंड बढ़ाने के स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि, यह मामला अभी विचाराधीन है।
वीकेंड पर हिल स्टेशनों पर भीड़ पर हाई कोर्ट ने जताई चिंता
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पर्यटन स्थलों स्थलों में बढ़ रही भीड़ पर गहरी चिंता जताई और सरकार से कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि पर्यटन स्थलों की क्षमता के अनुसार व कोविड टेस्ट के उपरांत ही पर्यटकों को आने दिया जाय। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन नहीं कर रहे है। शेष 25 प्रतिशत शारीरिक दूरी का। इसी की वजह से पिछले सप्ताह नैनीताल में 10 कोविड पॉजिटिव केस मिले। एक पर्यटक द्वारा महिला पुलिस के साथ मारपीट की गई। सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की। ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और इसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी जाए।
= राज्य सरकार और स्वास्थ सचिव को सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की स्थिति का विवरण दें। = राज्य में सरकारी अस्पतालों में नर्स एवं वार्ड बॉय आदि सपोर्ट स्टाफ के कितने पद खाली हैं। उनकी भर्ती के संबंध में क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। = राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट की स्थिति क्या है। पूर्व में जो 300 सैंपल भेजे गए थे, उनके क्या परिणाम आए, इस संबंध में क्या सावधानियां बरती गई हैं। = इंटर्न डाक्टरों का स्टाइपेंड 17 हजार करने की घोषणा को अगली सुनवाई तिथि से पूर्व लागू किया जाए। उन्हें मानदेय प्रतिमाह समय पर दिया जाए। = राज्य में एंटी स्पिटिंग एंड एंटी लिटरिंग एक्ट 2016 के प्रावधान पूर्व से लागू है उनका सख्ती से अनुपालन कराया जाए। = राज्य में वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए। दिव्यांगजन के लिए जिलाधिकारी घर पर वैक्सीन लगाने का इंतजाम करें। या फिर उनके लिए शिविर लगाने की सूचना का व्यापक प्रसार हो। = राज्य सरकार ने अस्पतालों में निर्बल वर्ग के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित किए थे। परंतु यह आदेश 25 जुलाई को वापस ले लिया है। राज्य सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। = राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की स्थिति, सुविधा और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट कोर्ट को दें।