राजाजी नेशनल पार्क भेजने के लिए कार्बेट से बाघिन रेस्क्यू, जानिए क्‍यों भेजे जा रहे बाघ

अब एक बाघ को रेस्क्यू कर रेडियो कालर पहनाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसे राजाजी के मोतीचूर में ले जाकर छोड़ा जाएगा। वहां पहले से ही दो बाघिन है। इसके बाद शिफ्ट किए गए बाघ की कर्मचारी लगातार निगरानी करेंगे। कुल पांच बाघ-बाघिन रेस्क्यू कर राजाजी भेजे जाएंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 10:08 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 10:08 PM (IST)
राजाजी नेशनल पार्क भेजने के लिए कार्बेट से बाघिन रेस्क्यू, जानिए क्‍यों भेजे जा रहे बाघ
बिजरानी जोन में लगाए गए पिंजरे में कैद बाघिन को बुधवार रात में राजाजी नेशनल पार्क भेजा जा रहा है।

जागरण संवाददाता, रामनगर (नैनीताल) : दस दिन की मशक्कत के बाद कार्बेट पार्क प्रशासन ने एक बाघिन को रेस्क्यू कर पिंजरे में कैद कर लिया। बिजरानी जोन में लगाए गए पिंजरे में कैद बाघिन को बुधवार रात में राजाजी नेशनल पार्क भेजा जा रहा है। अब एक बाघ को कैद किए जाने की कवायद चल रही है। यहां से दो बाघिन और तीन बाघों को राजाजी  भेजा जाना है।  

बाघ शिफ्टिंग के लिए कार्बेट प्रशासन और राजाजी की टीम ने 10 दिन पूर्व ढिकाला में डेरा डाल दिया था। वहां बाघ कैद होने की उम्मीद नहीं होने पर बिजरानी जोन में पिंजरा लगाया गया। पांच दिन बाद बाघिन बुधवार को पिंजरे में कैद हो गई। बाघिन को रेस्क्यू करने में विश्व प्राकृतिक निधि के मिराज का भी सहयोग रहा है। अब एक बाघ को रेस्क्यू कर रेडियो कालर पहनाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसे राजाजी के मोतीचूर में ले जाकर छोड़ा जाएगा। वहां पहले से ही दो बाघिन है। इसके बाद शिफ्ट किए गए बाघ की कर्मचारी लगातार निगरानी करेंगे। इसी तरह कुल पांच बाघ-बाघिन रेस्क्यू कर राजाजी भेजे जाएंगे।

इसलिए भेजे जा रहे बाघ

राजाजी नेशनल पार्क के 550 वर्ग किलोमीटर के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में पिछले सात साल से दो ही बाघिन है। पार्क के बीच से रेल लाइन गुजरने व हाईवे होने की वजह से दूसरे क्षेत्र से बाघ वहां तक नहीं आ पाते हैं। ऐसे में प्रजनन न होने से मोतीचूर में बाघों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। 2016 में कार्बेट लैंडस्केप से बाघ शिफ्ट करने की योजना बनी थी। 2017 में इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से स्वीकृति मिली थी। इस प्रोजेक्ट के लिए एनटीसीए से इस साल 40 लाख रुपये की धनराशि राजाजी पार्क को मिली है। छह जुलाई को एनटीसीए के अधिकारियों ने आनलाइन राजाजी के अधिकारियों को बाघ शिफ्टिंग के संबंध में तैयारियों को लेकर चर्चा की थी।

बेहोश की गई बाघिन

सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि पहले बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया। उसके बाद रेडियो कॉलर लगा कर उसे पिंजरे में रखा गया है।  पिंजरे में वह पूरी तरह से होश में है।

रात में ही भेजा जाएगा

राजाजी निदेशक राहुल ने बताया कि पिंजरे में रखी गई बाघिन को रात में ही राजाजी भेज दिया जाएगा। यदि रात में किसी तरह की दिक्कत रही तो गुरुवार तड़के इसे रवाना कर दिया जाएगा।

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