आपसी संघर्ष में बाघिन की आंख, कान और नाक में आई थीं गंभीर चोटें, अब तीन शावकों को जन्‍म देने के बाद अकेले विचर रही

बाघों का स्वभाव अब बदलने लगा है। कभी जंगल में रहने वाले बाघ अब आबादी के करीब ही अपना आसरा बना रहे हैं। इन दिनों सीतावनी वन क्षेत्र में सड़क पर दिखने वाली अकेली नाककटी बाघिन लोगों व पर्यटकों के बीच काफी मशहूर हो चली।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:48 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:48 AM (IST)
आपसी संघर्ष में बाघिन की आंख, कान और नाक में आई थीं गंभीर चोटें, अब तीन शावकों को जन्‍म देने के बाद अकेले विचर रही
नाककटी बाघिन लोगों के बीच हो गई मशहूर, जानिए क्‍या है इसकी कहानी

संवाद सूत्र, रामनगर : बाघों का स्वभाव अब बदलने लगा है। कभी जंगल में रहने वाले बाघ अब आबादी के करीब ही अपना आसरा बना रहे हैं। इन दिनों सीतावनी वन क्षेत्र में सड़क पर दिखने वाली अकेली नाककटी बाघिन लोगों व पर्यटकों के बीच काफी मशहूर हो चली। पुरानी चोट के निशान बाघिन की पहचान बन गए।

रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सीतावनी क्षेत्र में एक बाघिन वर्ष 2018 में आपसी संघर्ष में घायल हो गई थी, जिसमें उसकी नाक, कान व आंख के बाहरी हिस्से में चोट लगी थी। यह चोट अब पूरी तरह ठीक हो चुकी है, लेकिन चोट के निशान अब तक बने हुए हैं। इस वजह से बाघिन की पहचान ही नकटी, कनकटी के नाम से हो गई।

बाघिन ने तीन शावकों को दिया जन्म

बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया। वन विभाग के मुताबिक बाघिन तीन शावकों को अपने से अलग कर छोड़ चुकी है। जीवन जीने की कला में माहिर होने की वजह से शावकों ने जंगल में अपना क्षेत्र तय कर लिया है। अब बाघिन अकेले रह गई है। पाटकोट मार्ग पर बाघिन अब लोगों को कभी सुबह तो कभी शाम या रात को आराम से दिख जाती है। वह पर्यटकों की जिप्सियों व कारों के आगे मंडराती रहती है। लोग भी आराम से उसकी वीडियो व फोटो मोबाइल में कैद करते हैं। पाटकोट मार्ग से अक्सर जाने वाले लोगों की निगाहें भी नाककटी बाघिन की तलाश करती है।

बाघिन दस किमी के हिस्से में घूम रही

रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के रेंजर ललित जोशी ने बताया कि पहले हमले में घायल हो चुकी बाघिन की आंख के बाहरी हिस्से में पुरानी चोट के निशान है। जोशी ने बताया कि बाघिन करीब दस किमी के हिस्से में घूमती है। उसके शावक अब उसके साथ नहीं है। बाघिन ने पूरी तरह स्वस्थ रहकर अपने शावक पाले। तब बाघिन की मॉनीटरिंग की गई थी।

बाघिन को फिलहाल कोई समस्या नहीं

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि सीतावनी क्षेत्र में बाघिन के आंख के बाहरी हिस्से में चोट लगी थी। कुछ लोग बाघिन द्वारा अपनी एक आंख गंवाने की बात कह रहे हैं। लेकिन वह आंख गंवाने की बात से इत्तफाक नहीं रखते हैं। बाघिन को फिलहाल कोई समस्या नहीं है।

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