आपसी संघर्ष में बाघिन जख्मी, उपचार के लिए रानीगबाग रेस्‍क्‍यू सेंटर ताले समय तोड़ा दम

इसी साल जहां कालाढूंगी में सड़क पार करने के दौरान एक वाहन की चपटे में आकर बाघ की मौत हो गई थी वहीं अब तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपलपड़ाव रेंज में आपसी संघर्ष में एक बाघिन की मौत हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:50 AM (IST)
आपसी संघर्ष में बाघिन जख्मी, उपचार के लिए रानीगबाग रेस्‍क्‍यू सेंटर ताले समय तोड़ा दम
आपसी संघर्ष में बाघिन जख्मी, उपचार के लिए रानीगबाग रेस्‍क्‍यू सेंटर ताले समय तोड़ा दम

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : बाघों की बढ़ती संख्‍या और जंगल का सिमटता दायरा उनके लिए जानलेवा साबित हो हरा है। इसी साल जहां कालाढूंगी में सड़क पार करने के दौरान एक वाहन की चपटे में आकर बाघ की मौत हो गई थी, वहीं अब तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपलपड़ाव रेंज में आपसी संघर्ष में एक बाघिन की मौत हो गई है। घायल बाघिन को इलाज के लिए रानीबाग लाया जा रहा था कि रास्‍ते में ही उसने दम तोड़ दिया।  

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के एसडीओ धु्रव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि मंगलवार रात वन कर्मियों की टीम पीपड़पड़ाव रेंज में गश्त पर थी। करीब 12 बजे उन्हें तिलपुरी गेट के पास बाघिन जख्मी हालत में दिखी। वह कुछ कदम चलने के बाद ही बैठ जा रही था। रातभर बाघिन की निगरानी कराई गई। सुबह तक वह केवल 300 मीटर की चल पाई थी। दोपहर में बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया गया और उसे रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर लाया जा रहा था, मगर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। बाघिन की उम्र करीब पांच साल थी। उसके गले, बाजू व सिर पर काफी जख्मों के निशान थे। सिर के घावों में कीड़े भी पड़ चुके थे। निशानों से बाघिन के किसी दूसरे बाघ या बाघिन से संघर्ष होने का अनुमान है। बाघिन का शव रेस्क्यू रेंटर में सुरक्षित रखा गया है। गुरुवार को चिकित्सकों की टीम बाघिन का पोस्टमार्टम करेगी।  

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