Tiger Death in Corbett : कार्बेट के ढेला में मिला बाघ का कंकाल, प्राकृतिक या आपसी संघर्ष में मौत होने की आशंका

Tiger Death in Corbett बाघ का कंकाल काफी दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। माना जा रहा है बाघ की मौत कुछ समय पहले हो चुकी थी। कार्बेट में गश्त का दावा करने वाले कर्मचारी समय रहते बाघ के शव को नहीं ढूंढ पाए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:14 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:14 PM (IST)
Tiger Death in Corbett : कार्बेट के ढेला में मिला बाघ का कंकाल, प्राकृतिक या आपसी संघर्ष में मौत होने की आशंका
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बाघ के दांत ओर पंजे सभी सुरक्षित है।

जागरण संवाददाता, रामनगर : कार्बेट टाइगर रिजर्व में नर बाघ का सड़ा गला कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया। बाघ के कंकाल का पोस्टमार्टम कर शव जला दिया गया। ढेला रेंज के पश्चिमी क्षेत्र में रविवार को वन कर्मियो को गश्त के दौरान एक सड़े गले बाघ का कंकाल नजर आया।

वनकर्मियों ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल को सूचना दी। मौके पर निदेशक के अलावा उपनिदेशक कल्याणी, एसडीओ कुंदन खाती भी मौके पर पहुंच गए। बाघ का कंकाल काफी दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। माना जा रहा है बाघ की मौत कुछ समय पहले हो चुकी थी। लेकिन कार्बेट में गश्त का दावा करने वाले विभाग के कर्मचारी समय रहते बाघ के शव को नहीं ढूंढ पाए। अब बाघ के शव में कुछ नहीं बचा है। जिससे बाघ की मौत की वजह भी पता नहीं चल पाई। कार्बेट के पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा ने बाघ के कंकाल के पोस्टमार्टम की औपचारिता पूरी की।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बाघ के दांत ओर पंजे सभी सुरक्षित है। बारिश होने की वजह से बाघ का शव सड़ गया था। अधिकारियों द्वारा बाघ की मौत को संदिग्ध मानने से इनकार किया जा रहा है। उनका कहना है कि बाघ की मौत फिलहाल प्राकृतिक होने के कयास लगाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है बाघों के बीच हुए आपसी संघर्स में ही किसी एक बाघ की मौत हुई है। फिर भी संबंधित क्षेत्र के वनकर्मियो से सोमवार को आसपास का क्षेत्र स्कैन कराया जाएगा। जिससे कि कोई साक्ष्य मिल सके।

बाघ के शव मिलने की खबर से पूरा विभाग चौकन्ना हो गया। आए दिन शिकारियों की खबर से वनकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। शिकार की आशंका सभी शव पाए जाने के क्षेत्र में दौड़े। पर बाघ के दांत व पंजे सही सलामत होने पर सभी ने राहत की सांस ली। वनकर्मियों का कहना है कि यदि इसका शिकार किया गया होता तो पंजे व दांत नहीं होते। अंतरराष्ट्रीय तस्करी के मार्केट में बाघ के दांत व नख की ही सर्वाधिक डिमांड रहती है। पर जिस बाघ का शव मिला है उसके यह अंग सही सलामत हैं। इसलिए शिकार की आशंका नहीं है।

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