जंगल में लकड़ी लेने गए एक व्यक्ति को बाघ ने मारा
नैनीताल जिले के रामनगर के जंगल में बेटे के साथ लकड़ी लेने गए एक व्यक्ति पर बाघ ने हमला कर उसे मार डाला। करीब सात घंटे बाद उसका शव बरामद हुआ।
रामनगर, नैनीताल [जेएनएन]: जंगल में बेटे के साथ लकड़ी लेने गए एक व्यक्ति पर बाघ ने हमला कर उसे मार डाला। खोजबीन के दौरान सात घंटे बाद उसका शव बरामद हुआ। घटना से ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया। वन विभाग ने शव को कब्जे में लेने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। काफी देर बाद शव को वन चौकी लाया गया। देर शाम तक वनाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे।
मालधन मोहननगर निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ चीता (42) पुत्र श्रीकरतार सिंह मंगलवार सुबह 10 बजे अपने बेटे सुनील के साथ जलौनी लकड़ी लेने जंगल गया। उसने बेटे से कहा कि जंगल से काटकर लाई गई लकड़ी को वह साइकिल में रखकर घर ले जाएगा। यह कहकर वह लकड़ी काटने के लिए निकल गया। एक घंटे तक जब वह लकड़ी लेकर नहीं आया तो बेटा वापस घर आ गया। दोपहर में भी वीरेंद्र घर नहीं आया तो परिजनों को चिंता सताने लगी। परिजनों ने सुनील से दोबारा पिता के बारे में पूछा।
बेटे ने बताया कि जहां वह खड़ा था, उधर किसी जानवर की आवाज सी आ रही थी। इस पर परिजनों ने गांव वालों को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग की चौकी में भी जानकारी दी गई। इसके बाद परिवार के लोग व वनकर्मी उसे ढूंढने जंगल गए। घर से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में शाम पांच बजे उसका शव झाड़ी में बरामद हो गया। उसके गले में बाघ के दांतों के गहरे निशान मिले।
इसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचने लगे। पूर्व ब्लॉक प्रमुख बसन्ती आर्य, प्रधान बलदेव गोपाल, रमेश पंडित, जयहिंद राम भुवन चंद्र, ओमपाल चौधरी, भजन सिंह, वजीर अली आदि ने बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग की है। कहा कि बाघ के आतंक से ग्रामीणों में दहशत है।
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