रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से रामनगर लाया गया बाघ, स्वास्थ्य ठीक मिला तो भेजा जा सकता है राजाजी पार्क

गौलापार से रेस्क्यू किए गए बाघ को राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा जा सकता है। कार्बेट के पशु चिकित्सकों की टीम बाघ को रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से रामनगर ले आई है। यदि स्वस्थ पाया जाएगा तो उसे राजाजी भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 07:56 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 07:56 AM (IST)
रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से रामनगर लाया गया बाघ, स्वास्थ्य ठीक मिला तो भेजा जा सकता है राजाजी पार्क
रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से रामनगर लाया गया बाघ, स्वास्थ्य ठीक मिला तो भेजा जा सकता है राजाजी पार्क

रामनगर, जागरण संवाददाता : गौलापार से रेस्क्यू किए गए बाघ को राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा जा सकता है। कार्बेट के पशु चिकित्सकों की टीम बाघ को रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से रामनगर ले आई है। यदि स्वस्थ पाया जाएगा तो उसे राजाजी भेजने की कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले सीटीआर से एक बाघ व एक बाघिन राजाजी भेजी जा चुकी है। बाघ को ले जाने की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डीके सिंह ने भी की है।

पिछले माह हल्द्वानी के गौलापार के दानीबंगर गांव में झाडिय़ों में बाघ छिपा था। ग्रामीणों की सूचना पर वनाधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर बाघ को रेस्क्यू किया था। इसके बाद बाघ को रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया था। ऐसे में रानीबाग में रखे बाघ को रामनगर लाने की योजना बनी थी। सोमवार को बाघ को कार्बेट के पशु चिकित्सकों की टीम अपनी निगरानी में रामनगर ले लाई। बाघ का एक्सरे मशीन से परीक्षण किया जाएगा। यदि वह स्वस्थ मिला तो उसे राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा जा सकता है।

बाघ को देखने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व से एक महिला पशु चिकित्सक भी रामनगर पहुंची है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एक्सरे से किए गए परीक्षण में बाघ यदि अस्वस्थ मिला तो उसे ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा। बाघ को राजाजी कब ले जाया जाएगा इसे लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है। बीते दिनों नैनीताल व रामनगर के पशु चिकित्सकों की टीम भी इसी मामले में ढेला रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण कर चुकी है।

इसलिए भेजे जा रहे बाघ

राजाजी नेशनल पार्क के 550 वर्ग किलोमीटर के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में पिछले सात साल से दो ही बाघिन है। पार्क के बीच से रेल लाइन गुजरने व हाईवे होने की वजह से दूसरे क्षेत्र से बाघ वहां तक नहीं आ पाते हैं। ऐसे में प्रजनन न होने से मोतीचूर में बाघों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। 2016 में कार्बेट लैंडस्केप से बाघ शिफ्ट करने की योजना बनी थी। 2017 में इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से स्वीकृति मिली थी। इस प्रोजेक्ट के लिए एनटीसीए से इस साल 40 लाख रुपये की धनराशि राजाजी पार्क को मिली है। छह जुलाई को एनटीसीए के अधिकारियों ने आनलाइन राजाजी के अधिकारियों को बाघ शिफ्टिंग के संबंध में तैयारियों को लेकर चर्चा की थी।

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