तराई के आमपोखरा रेंज में मिला टाइगर का शव, आपसी संघर्ष में मौत की आशंका
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अन्तर्गत आपोखरा रेंज में बाघ की मौत होने से वनकर्मियों में हड़कंप मच गया। आमपोखरा रेंज के कक्ष न 12 शिवनाथपुर बीट एन-1 के पथरूवा नाले में एक बाघ के गंभीर अवस्था में होने की जानकारी मिली। कुछ देर बाद बाघ ने दम तोड़ दिया।
रामनगर, जागरण संवाददाता : तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अन्तर्गत आपोखरा रेंज में बाघ की मौत होने से वनकर्मियों में हड़कंप मच गया। रविवार की सुबह वनकर्मी नियमित की तरह गश्त पर निकले थे। इसी दौरान उन्हें आमपोखरा रेंज के कक्ष न 12, शिवनाथपुर बीट एन-1 के पथरूवा नाले में एक बाघ के गंभीर अवस्था में होने की जानकारी मिली। उस समय बाघ की सांसें चल रही थीं। वनकर्मियों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दी। तत्काल वनाधिकारी बाघ के उपचार के लिए घटनास्थल पर रवाना हुए, मगर तब तक वह दम तोड़ चुका था।
प्रभागीय वनाधिकारी बीएल शाही ने बताया कि नर बाघ है, जिसकी उम्र करीब आठ से दस साल के बीच है। बाघ के शरीर पर गहरे जख्मों के निशान से लगता है कि वह आपसी संघर्ष में घायल हुआ होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ होगा तो दूसरे बाघ के भी घायल होने की आशंका है। उसे ट्रेस करने की कोशिश की जाएगी। जिससे यदि वह घायल हुआ तो उसे ट्रेकुलाइज कर उसका उपचार किया जा सके। वनाधिकारी ने कहा कि मौत के असल कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा। समाचार लिखे जाने तक बाघ के शव को रामनगर लाने की तैयारी चल रही थी।
तो दूसरा बाघा भी हुआ होगा जख्मी
यदि बाघ की मौत आपसी संघर्ष के कारण हुई है तो दूसरे बाघ के भी घायल होने की आंशका है। वह भी जख्मी हालत में जंगल में भटक रहा होगा। ऐसे में वन विभाग को उसे जल्द ट्रेस कर उसकी स्थिति का पता लगाना होगा। यदि उसे भी चोटे आई हों तो ट्रेकुलाइज कर सही समय पर इलाज शुरू करना होगा। वहीं इंटरनेट मीडिया में यह खबर भी वायरल होती रही कि घायल बाघ को समय से उपचार नहीं मिल सका। सूचना के बावजूद समय पर विभाग की टीम नहीं पहुंची। यदि समय से उपचार मिला होता तो उसकी जान बच सकती थी।